कोलकाता : वरिष्ठ भाजपा विधायक और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ लगी दो याचिकाओं की सुनवाई से न्यायमूर्ति राजाशेखर मंथा ने खुद को अलग कर लिया है। राज्य सरकार ने इन मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में शिकायत की थी कि जस्टिस मंथा के पीठ में पहले से मामले हैं और वह जानबूझकर इन मामलों पर जल्द सुनवाई नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा शुभेंदु के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से दर्ज प्राथमिकी पर रोक लगाए जाने को लेकर जस्टिस मंथा राजनीतिक तौर पर निशाने पर थे। इसलिए गुरुवार को जब कोर्ट में शुरू हुई तो उन्होंने सुनने से मना करते हुए कहा कि वह खुद को इस मामले से अलग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कोर्ट में और 53 जज हैं। किसी और जज के पास मामले की सुनवाई हो। इसके पहले इन मामलों से न्यायमूर्ति पार्थसारथी सेन ने भी खुद को अलग कर लिया था। इनमें कांथी नगरपालिका में भ्रष्टाचार से संबंधित एक मामला है। इसके अलावा शुभेंदु के खिलाफ राज्य भर में दर्ज 26 से अधिक प्राथमिकी को लेकर भी सुनवाई होनी थी जिस पर जस्टिस मंथा ने रोक लगाई थी। उन्होंने कहा था कि नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ कोई भी प्राथमिकी कोर्ट के आदेश के बगैर नहीं होगी और ना ही उनके खिलाफ कोई कार्रवाई होगी।