कोलकाता : सिलीगुड़ी स्थित उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बच्चे की मौत के बाद एंबुलेंस नहीं मिलने पर शव को बैग में डालकर पिता के घर लौटने की घटना को लेकर राज्य सरकार सक्रिय हो गई है। इस मामले में सोमवार को जिला स्वास्थ्य अधिकारी से रिपोर्ट तलब की गई है। उत्तर दिनाजपुर के जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी को लिखित रिपोर्ट तत्काल राज्य स्वास्थ्य विभाग को भेजने को कहा गया है।
रविवार को यह मामला उजागर हुआ था। नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी थी। इसे लेकर भाजपा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमलावर हो गई थी क्योंकि वह राज्य की स्वास्थ्य मंत्री भी हैं। अब सचिवालय के सूत्रों ने बताया है कि इस मामले में उत्तर बंगाल के स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी संभालने वाले अधिकारियों पर भी गाज गिरेगी। उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक संजय मल्लिक ने बताया है कि बच्चे की मौत के बाद परिवार ने अस्पताल प्रबंधन से शव को ले जाने के लिए वाहन की व्यवस्था करने हेतु किसी तरह से संपर्क नहीं साधा था। अगर संपर्क साधते तो निश्चित तौर पर व्यवस्था की जाती।
कालियागंज के मुस्तफानगर के रहने वाले असीम देव शर्मा पेशे से मजदूर हैं और दूसरे राज्य में नौकरी करते हैं। पांच महीने पहले उनकी पत्नी ने दो बच्चों को एक साथ जन्म दिया था। दोनों बच्चों की सेहत हाल में बिगड़ गई थी जिसके बाद पहले उन्हें कालियागंज स्टेट जनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां हालत बिगड़ने पर उसे रायगंज सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेफर कर दिया गया। वहां भी जब हालात काबू में नहीं आए तो उसे सिलीगुड़ी के उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भेज दिया गया। एक बच्चे की तो सेहत ठीक हो गई लेकिन दूसरे की शनिवार रात मौत हो गई। पिता के पास एंबुलेंस के लिए रुपये नहीं थे। उसने कई बार अस्पताल प्रबंधन से बात करने की कोशिश की लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ जिसके बाद उसने अपने बैग में बच्चे के शव को डाला और बस में सवार होकर घर के लिए रवाना हो गया।
इधर कालियागंज के स्थानीय भाजपा नेता को इसकी जानकारी मिल गई। कालियागंज बस स्टैंड पर उतरने के बाद 10 नंबर वार्ड के भाजपा पार्षद गौरांग दास ने उसके लिए एंबुलेंस की व्यवस्था की जिसके बाद कालियागंज विवेकानंद मोड़ से आठ किलोमीटर दूर स्थित अपने घर बच्चे के शव को लेकर पहुंचे।