कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के काफिले पर हमले के मामले में कुड़मी समुदाय के दो नेताओं राजेश महतो और निशिकांत महतो की गिरफ्तारी के खिलाफ सोमवार को बड़ा प्रदर्शन किया गया। इसकी वजह से बांकुड़ा, पुरुलिया, पश्चिम मिदनापुर और झारग्राम के आदिवासी बहुल जिलों के कुछ हिस्सों में सामान्य कामकाज प्रभावित हुए हैं।
प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम, जुलूस और रैलियां कीं।कुड़मी समुदाय के नेताओं ने कहा कि ये विरोध प्रदर्शन जारी रहेंगे और अगर नेताओं को तुरंत रिहा नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में यह और गंभीर रूप ले लेगा। कुड़मी नेता अजीत महतो ने कहा, “नेताओं की रिहाई की मांग के साथ अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के लिए हमारा आंदोलन जारी रहेगा।”
इस बीच, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पार्टी के लोकसभा सदस्य दिलीप घोष ने कहा कि उन्हें संदेह है कि शुक्रवार को अभिषेक बनर्जी पर किया गया हमला जनता की सहानुभूति हासिल करने के लिए तृणमूल कांग्रेस द्वारा किया गया नाटक था।
घोष ने कहा, ऐसा आरोप लगाया जा रहा है कि राज्य की मंत्री बीरबाहा हांसदा के वाहन का पिछला शीशा तोड़ दिया गया। लेकिन इसका एक भी प्रत्यक्षदर्शी नहीं है।
पुलिस की कार्रवाई तब शुरू हुई जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सालबनी में एक सार्वजनिक रैली में आरोप लगाया कि भाजपा कुर्मी लोगों को उकसा कर पश्चिम बंगाल में मणिपुर जैसी जातिगत हिंसा भड़काने की कोशिश कर रही है।
पहले एक राजकीय स्कूल में शिक्षक राजेश महतो का तबादला उसके पैतृक जिले से दूर के जिले में कर दिया गया और फिर रविवार को उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद पुलिस ने उनके करीबी निशिकांत को गिरफ्तार कर लिया। इस सिलसिले में अब तक कुल नौ गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।