- नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने ट्वीट कर किया दावा
कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के लिए आसन्न पंचायत चुनाव में उम्मीदवारों के चयन हेतु जनसंपर्क यात्रा कर रहे हैं। इस दौरान उनकी सुरक्षा के लिए प्रधानमंत्री मोदी से भी अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। इसे लेकर नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने सवाल खड़ा किया है। उन्होंने दावा किया है कि केवल एक दिन में अभिषेक की सुरक्षा के लिए 2245 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई।
शुभेंदु ने बुधवार को ट्विटर पर लिखा है, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सुरक्षा स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) के जवान करते हैं। देशभर के लोगों को ऐसा लगता होगा कि उनकी सुरक्षा शायद सबसे बड़ी है लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की सुरक्षा में 2245 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। केवल एक व्यक्ति की सुरक्षा के लिए इतने पुलिसकर्मी। इतने अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती न केवल भारत बल्कि दुनिया के किसी भी देश में राष्ट्राध्यक्षों को भी नहीं मिलती होगी।”
उनका दावा है कि “पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था बद से बदतर हुई है। अगर पिछले कुछ हफ्तों की बात करें तो दर्जनों लोग केवल ब्लास्ट में मारे गए हैं। इसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। अनगिनत राजनीतिज्ञों की बंगाल में निर्मम हत्या हुई जबकि महिलाओं पर बर्बर अत्याचार असीमित हैं। दक्षिण बंगाल के थाने लगभग खाली हो गए हैं क्योंकि सड़कों पर केवल एक व्यक्ति की सुरक्षा के लिए सभी लोगों को लगा दिया गया है। इसकी वजह सिर्फ इतनी है कि वह व्यक्ति राजनीतिक पर्यटन पर निकला हुआ है।”
उनका कहना है कि “राज्य का गृह विभाग आम लोगों की सुरक्षा के लिए बिल्कुल चिंतित नहीं है। उसे चिंता है केवल एक व्यक्ति की। आज बंगाल के लोग किसी अनहोनी के इंतजार में हैं। इसे लेकर जो स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोसीजर है अथवा क्या किया जाना चाहिए और क्या कुछ नहीं किया जाना चाहिए, यह पुलिस बुक में विस्तार से लिखा हुआ है।”
शुभेंदु ने अपने ट्वीट में आगे लिखा है कि इतने अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती किसी भी एक राजनीतिज्ञ के निजी राजनीतिक कार्यक्रम में पूरी तरह से कानून-व्यवस्था और नियमों का उल्लंघन है।
तृणमूल का पलटवार
हालांकि तृणमूल कांग्रेस ने इस पर पलटवार किया है। पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि अभिषेक बनर्जी को सुरक्षा देना पुलिस का जिम्मेदारी है। बड़ी संख्या में लोग उन्हें देखने-सुनने के लिए इकट्ठा होते हैं। यह केवल उसी का हिस्सा है। सार्वजनिक सुरक्षा से किसी तरह का समझौता नहीं किया गया है।