कोलकाता : राज्य के चर्चित नियुक्ति भ्रष्टाचार के मामले में केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोर्ट में रिमांड लेटर देकर चौंकाने वाला दावा किया है। इसमें केंद्रीय एजेंसी ने बताया है कि नियुक्ति भ्रष्टाचार की योजना कहीं और नहीं बल्कि प्राथमिक शिक्षा परिषद के दफ्तर में बैठकर बनाई जाती थी। तब माणिक भट्टाचार्य परिषद के अध्यक्ष थे और कालीघाट वाले काकू यानी कि सुजय कृष्ण भद्र किसी ना किसी काम के बहाने वहां पहुंच जाया करते थे। माणिक भट्टाचार्य के मोबाइल के व्हाट्सएप पर काकू से रुपये के लेनदेन के बारे में कई बार बातचीत हुई है। यहां तक कि माणिक के करीबी तापस मंडल से भी सुजय कृष्ण भद्र की अनेकों बार बातचीत हुई है। पता चला है कि 2014 में टेट की परीक्षा के बाद 325 उम्मीदवारों की सूची सुजय कृष्ण भद्र के पास पहुंचाई गई थी जहां से सीधे माणिक भट्टाचार्य के पास पहुंचा दिया गया था। इन सभी उम्मीदवारों की नौकरी के लिए तीन करोड़ 25 लाख रुपये की वसूली की गई थी जो तापस मंडल के पास से कुंतल के पास गई थी और वहां से सुजय कृष्ण भद्र के पास पहुंचाए गए थे। काकू-माणिक और कुंतल की त्रिमूर्ति ने मिलकर करोड़ों रुपये की वसूली की है।
उल्लेखनीय है कि गत मंगलवार को कालीघाट वाले काकू यानी सुजय कृष्ण भद्र की गिरफ्तारी ईडी ने देर रात तक पूछताछ के बाद की थी। उसके बाद बुधवार को उसे कोर्ट में पेश कर 14 दिनों की रिमांड पर लिया गया है जहां लगातार पूछताछ हो रही है। खास बात यह है कि काकू जिस कंपनी में निदेशक रहे हैं उसी कंपनी में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजीरा बनर्जी भी निदेशक रही हैं।