कोलकाता : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के स्कूल भर्ती मामले में हाल ही में गिरफ्तार किए गए सुजय कृष्ण भद्र उर्फ कालीघाट वाले काकू से पूछताछ कर रहे हैं। उनसे दो एंगल से पूछताछ हो रही है। पहला उनके अकाउंट में हुए संदिग्ध लेनदेन के बारे में और दूसरा काकू के नियंत्रण वाली कंपनियों के जरिए कैसे फंड को डायवर्ट किया गया।
सूत्रों ने बताया कि जांच अधिकारी पांच कॉरपोरेट संस्थाओं को ट्रैक करने में सक्षम हुए हैं, जहां काकू के सीधे संबंध थे। ऐसी कंपनियों के खाते और इन संस्थाओं से जुड़े बैंक खातों के विवरण वर्तमान में ईडी के अधिकारियों की जांच के दायरे में हैं। वे इन बिंदुओं को जोड़ने के लिए हर मिनट के विवरण की जांच कर रहे हैं कि इन कंपनियों के माध्यम से विभिन्न एजेंटों से एकत्र की गई आय को कैसे डायवर्ट किया गया।
सूत्रों ने कहा कि इन कंपनियों के विवरण के अलावा, अन्य निदेशकों और इन कॉर्पोरेट संस्थाओं के शीर्ष अधिकारियों का विवरण भी ईडी के अधिकारियों की जांच के दायरे में है। उनमें से कुछ को इस संबंध में पूछताछ के लिए भी बुलाया जा सकता है।
ईडी एक अधिकारी ने बताया, “अब तक की जांच से एक बात स्पष्ट है। मामले में अन्य गिरफ्तार आरोपित जैसे कुंतल घोष और शांतनु बंदोपाध्याय, वास्तव में काकू के एजेंट के रूप में काम कर रहे थे और उम्मीदवारों से आय के संग्रह में शामिल थे। सारी वसूली काकू को सौंप रहे थे। अब बड़ा सवाल यह है कि काकू उन राशि को कैसे और कहां से डायवर्ट करते थी। वर्तमान जांच भी उसी तर्ज पर है।”
इस बीच, ईडी के अधिकारियों ने एक नागरिक स्वयंसेवक, राहुल बेरा की पहचान की है, जिसे काकू ने मामले से संबंधित सभी इलेक्ट्रॉनिक डेटा को हटाने का निर्देश दिया था।
ईडी सूत्रों ने कहा कि बेरा को जल्द ही एजेंसी के कार्यालय में बुलाया जाएगा और उनसे काकू के साथ पूछताछ की जाएगी। चार प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक डेटा, अर्थात् मोबाइल डेटा, सिस्टम अधिग्रहण, भौतिक अधिग्रहण और फ़ाइल अधिग्रहण को हटा दिया गया है। हालांकि इन्हें बाद में ईडी के अधिकारियों द्वारा पुनर्प्राप्त किया गया है।