कोलकाता : पश्चिम बंगाल में आसन्न पंचायत चुनाव को लेकर तारीखों की घोषणा हो चुकी है। इस बीच विपक्ष की ओर से लगाई गई जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने राज्य चुनाव आयोग को सुझाव देते हुए कहा है कि पंचायत चुनाव 08 जुलाई के बजाय 14 जुलाई को बेहतर होता। कोर्ट ने नामांकन की तारीख बढ़ाने का भी सुझाव दिया। मुख्य न्यायाधीश ने यह भी कहा कि केंद्रीय बलों की सुरक्षा में अगर चुनाव कराए जाएं तो ज्यादा अच्छा होगा।
कोर्ट ने कहा कहा कि प्रतिदिन नामांकन के लिए केवल आठ घंटे का समय मिला है, यह पर्याप्त नहीं है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हनुमान जयंती के समय ही हमने कहा था कि लोगों का मनोबल बढ़ाने के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती की जरूरत थी। उसी तरह आज जब चुनाव का समय है तो राज्य के कम से कम 10 जिले अति संवेदनशील हैं, जहां केंद्रीय बलों की तैनाती होती तो अच्छा होता। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि कोलकाता से पुलिस को हुगली और हावड़ा भेजा जाए तो दूसरी जगहों पर पुलिसकर्मियों की संख्या कम पड़ जाएगी। इसके अलावा विपक्ष पुलिस पर भरोसा नहीं कर पा रहा है। कोर्ट ने कहा कि सिविक वॉलिंटियर्स को चुनाव के काम में नहीं लगा सकते। इसलिए केंद्रीय बलों की तैनाती के बारे में विचार किया जाना चाहिए।