कोलकाता : कोलकाता की विशेष सीबीआई कोर्ट ने भर्ती मामले में अवैध तरीके से नौकरी पाने वालों की सूची सार्वजनिक करने को कहा है। शुक्रवार को जज ने भर्ती मामलों की जांच कर रही केंद्रीय एजेंसी सीबीआई से सवाल किया कि सीबीआई ने पैसे लेकर नौकरी देने वालों के नाम पर चार्जशीट जारी कर दी लेकिन पैसे देकर नौकरी पाने वालों के नाम कहां हैं? उन्होंने भी कानून तोड़ा है।
भर्ती मामले में केंद्रीय जांचकर्ता फिलहाल पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी से भी ज्यादा ताकतवर व्यक्ति की तलाश कर रहे हैं। ”कालीघाट वाले काकू” उर्फ सुजॉय कृष्ण भद्र जैसे ”महत्वपूर्ण किरदारों” (जैसा कि सीबीआई ने उन्हें बताया है) से पूछताछ कर सीबीआई ताकतवर लोगों की तलाश कर रही है। राज्य के शिक्षा सचिव मनीष जैन को भी गुरुवार को निजाम पैलेस स्थित सीबीआई के कोलकाता मुख्यालय बुलाया गया था।
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक पार्थ ने कहा है कि शिक्षा सचिव के हाथ से जो फाइल उनके पास आती थी, उस फाइल पर वे साइन कर देते थे। केंद्रीय जांच एजेंसी उस शख्स की भी तलाश कर रही है जिसके निर्देश पर फाइल पार्थ के पास आती थी। इस बीच सीबीआई की विशेष अदालत ने भर्ती में भ्रष्टाचार में लिप्त नौकरी हासिल करने वालों के नाम भी सार्वजनिक करने को कहा। सीबीआई की विशेष अदालत शुक्रवार को भर्ती मामले की सुनवाई कर रही थी। इस मामले में गिरफ्तार कुंतल घोष, तापस मंडल और नीलाद्रि घोष कोर्ट में मौजूद थे। सीबीआई इन तीनों लोगों के खिलाफ चार्जशीट पहले ही जारी कर चुकी है।
सीबीआई की विशेष अदालत के जज ने पूछा कि कुंतल, तापस एवं नीलाद्रि एजेंट हैं। उन पर पैसे के लिए नौकरी देने का आरोप है। कुछ लोगों को उनके पैसे से नौकरी मिली। कुछ लोगों को पैसे से नौकरी नहीं मिली। जिन्हें नहीं मिला, उन्हें बिना बात किए छोड़ दिया गया, लेकिन जिन्हें पैसे से नौकरी मिली, उन्हें आगे क्यों नहीं लाया जाता?
सीबीआई ने हालांकि अपने जवाब में कुछ भी स्पष्ट नहीं किया। एजेंसी ने कहा हम जांच कर रहे हैं। इस पर जज ने कहा कि सीबीआई 23 तारीख (जून) को केस से जुड़े दस्तावेज लेकर आए।