इतिहास के पन्नों में 21 जूनः दुनिया में फहराई योग की पताका

देश-दुनिया के इतिहास में 21 जून की तारीख भारत और योग के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का आह्वान किया और देखते ही देखते दुनिया के तमाम देश इस मुहिम में शामिल हो गए। भारत सहित दुनिया भर में 21 जून को योग दिवस का त्योहार मनाया जाता है और सभी इसमें बढ़-चढ़कर शिरकत करते हैं। 21 जून एक खासियत है कि यह वर्ष के 365 दिन में सबसे लंबा दिन होता है और योग के निरंतर अभ्यास से व्यक्ति को लंबा जीवन मिलता है। इसलिए इस दिन को योग दिवस के रूप में मनाने का निर्णय किया गया।

भारत में प्राचीन काल से योग की परंपरा रही है। स्वस्थ रहने के लिए नियमित योग को बेहद फायदेमंद बताया गया है। योग की महत्ता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दर्जा दिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में 14 सितंबर 2014 को प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव पर 195 में से 175 देशों ने अपनी सहमति जताई। उसके बाद 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने घोषणा की कि हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस प्रस्ताव को तीन महीने से भी कम समय में पास किया। यह पहला प्रस्ताव है जिसे महासभा ने इतनी जल्दी पास किया। इसके बाद 21 जून, 2015 को दिल्ली में हजारों लोगों के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने योग कर दुनिया को निरोग रहने का संदेश दिया। 84 देशों से लोग इस समारोह को देखने ऑनलाइन जुटे थे। ये पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस था। तबसे हर साल 21 जून को पूरी दुनिया योग दिवस मनाती है।

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