कोलकाता : मेदिनीपुर की अदालत ने तृणमूल पार्टी कार्यालय में घुसकर रेलवे माफिया श्रीनु नायडू की हत्या के अभियुक्त बासब रामबाबू समेत 13 लोगों को बरी करने का आदेश दिया। छह साल पहले खड़गपुर नगरपालिका क्षेत्र में तृणमूल के पार्टी कार्यालय में घुसकर श्रीनू की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। श्रीनु के एक सहयोगी वी. धर्मा राव की भी मौत हो गई थी।
11 जनवरी 2017 को दोपहर करीब तीन बजे श्रीनु नायडू न्यू सेटलमेंट इलाके में खड़गपुर नगर पालिका के वार्ड नंबर 18 में तृणमूल वार्ड समिति कार्यालय में बैठे थे। तभी कुछ अज्ञात लोगों ने श्रीनू को गोली मार दी। खड़गपुर के कुख्यात रेलवे माफिया को जब रात में कोलकाता के अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। हमले में श्रीनू के 25 वर्षीय सहयोगी धर्मा राव भी मारे गए थे। तीन लोग घायल हो गये थे।
मामले की जांच के बाद पुलिस ने खड़गपुर के एक और रेलवे माफिया बासब रामबाबू को आंध्र प्रदेश के तनुका से गिरफ्तार कर लिया था। इस दोहरे हत्याकांड में कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। घटना के 87 दिन बाद पुलिस ने कोर्ट में आरोप पत्र समर्पित किया था। उस मामले में मेदिनीपुर के चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश मंदाक्रांता सहर ने मंगलवार को फैसला सुनाया। न्यायाधीश ने बासब रामबाबू समेत 13 लोगों को बरी करने का आदेश दिया।
सरकारी पक्ष के वकील समर नाइक ने कहा कि वे कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए ऊपरी अदालत में जाने की सोच रहे हैं। श्रीनू की पत्नी पूजा ने कहा कि फैसले की प्रति मिलने का इंतजार कर रही हैं। फैसला देखने के बाद ऊपरी अदालत जा सकती हैं।