कोलकाता : पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मंगलवार को जारी मतगणना में शाम तक का रुझान सामने आया है। इसमें तृणमूल कांग्रेस विपक्ष से काफी आगे है। ग्रामीण क्षेत्रों में दूसरे स्थान के लिए भाजपा और कांग्रेस-वाम मोर्चा गठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला है। अभी ग्राम पंचायतों की मतगणना चल रही है। इसके बाद पंचायत समिति और जिला परिषद की मतगणना शुरू होगी।
पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली में अभी ग्राम पंचायत के लिए मतों की गिनती जारी है। आयोग के एक अधिकारी ने कहा, “सबसे निचले स्तर के लिए गिनती की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद शेष दो स्तरों पंचायत समिति और जिला परिषद के लिए गिनती होगी। किसी भी परिस्थिति में अंतिम तस्वीर बुधवार दोपहर से पहले या उसके बाद भी स्पष्ट नहीं होगी। आज रात तक ग्राम पंचायत स्तर पर अधिकतम तस्वीर साफ हो जाएगी।”
अपराह्न तीन बजे तक मंगलवार को सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस 28 हजार 117 ग्राम पंचायत सीटों पर जीत हासिल कर विपक्षी दलों से काफी आगे थी। जहां अकेले भाजपा ने 4733 सीटों पर जीत हासिल की है, वहीं कांग्रेस-वाम मोर्चा गठबंधन 2567 सीटों पर विजेता बनकर उभरा है, जिसमें कांग्रेस 851 और वाम मोर्चा 1716 सीटों पर विजयी हुई है। एआईएसएफ और निर्दलीय 1163 सीटों पर विजयी हुए हैं। उल्लेखनीय है कि 10 जिला परिषदों और 981 पंचायत समिति में तृणमूल कांग्रेस पहले ही निर्विरोध जीत हासिल कर चुकी है।
इधर मतगणना की शुरुआत में ही बीरभूम, मालदा, मुर्शिदाबाद, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, हुगली और हावड़ा में हिंसा की शुरुआत हो गई। दक्षिण 24 परगना से तो एक मतदान केंद्र के अंदर का वीडियो सामने आया है जिसमें आईएसएफ उम्मीदवार और उसके काउंटिंग एजेंट को कुछ लोग बर्बर तरीके से पीट रहे हैं। पास ही में पुलिस खड़ी है लेकिन मूकदर्शक है। इसी तरह से कई जगहों पर भाजपा उम्मीदवारों और उनके काउंटिग एजेंट को मारा पीटा गया है। पुलिस के साथ धक्का-मुक्की के दौरान भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार बीमार पड़ गए जिन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। इसके अलावा नदिया के तेहट से तृणमूल विधायक तापस साहा पर लाठीचार्ज का आरोप केंद्रीय बलों के जवानों पर लगा है।
कूचबिहार में काउंटिंग के समय जब तृणमूल उम्मीदवार भाजपा से 100 सीट पीछे चलने लगे तो उन्होंने बैलट पेपर और मतपेटी के अंदर स्याही डाल दी। हालांकि बाद में उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया। उनकी पहचान रिंकू राय राजभर के तौर पर हुई है। इस बार चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन 2018 के मुकाबले बेहतर रहा है। हालांकि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के आवास वाले क्षेत्र के मतदान केंद्र पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। वहीं नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी के बूथ पर पार्टी ने जीत हासिल की है। दूसरी और बीरभूम जिले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मामा अनिल मुखर्जी के बूथ पर तृणमूल हार गई है।