कोलकाता : कलकत्ता हाई कोर्ट की न्यायाधीश जस्टिस अमृता सिन्हा ने बुधवार को कहा है कि उनका मकसद लोगों को न्याय दिलाना है ना कि कोर्ट की कार्रवाई के जरिए मीडिया की सुर्खियों में आना। उन्होंने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि हाईकोर्ट में पंचायत चुनाव से संबंधित मामलों की बाढ़ आ गई है। इतना दबाव है कि दोपहर का भोजन कर पाना भी संभव नहीं हो पा रहा है।
एक अधिवक्ता ने चुनाव के अलावा एक-दूसरे मामले में याचिका लगाई थी। तब उन्होंने जस्टिस सिन्हा से पूछा कि समय पर इसकी सुनवाई होगी कि नहीं। इसी के जवाब में जस्टिस सिन्हा ने कहा कि मैं आपको इस बारे में कुछ भी वचन नहीं दे पा रहा हूं क्योंकि कोर्ट में पंचायत चुनाव से संबंधित मामलों की बाढ़ आई हुई है। रोज तय सूची के अलावा 70 से 80 मामले आ रहे हैं। कई न्यायाधीश दोपहर का भोजन तक नहीं कर पा रहे हैं। मंगलवार को मैं सुबह 10:30 बजे अपने कोर्ट में बैठी थी और अपराह्न 3:29 बजे उठी हूं।
इसके बाद ही उक्त अधिवक्ता ने कहा कि आज अखबारों में पहले हेड लाइन में आपका नाम है। इसे जवाब में जस्टिस सिन्हा ने कहा कि मैं, मीडिया में आने के लिए काम नहीं करती। लोग यहां राहत के लिए आते हैं। पत्रकारों को खबर बनाने का उत्साह रहता है लेकिन मेरा मकसद तो लोगों को न्याय दिलाना है, मीडिया में आना नहीं।