नयी दिल्ली : लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कह कि मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संसद में बोलने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में हमारे पास अविश्वास प्रस्ताव लाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
चौधरी ने गुरुवार को संसद भवन परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हम जानते हैं कि अविश्वास प्रस्ताव लाने से उनकी सरकार नहीं गिरेगी लेकिन इसके अलावा हमारे पास कोई विकल्प नहीं है। हम यही चाहते हैं कि मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री संसद के अंदर बोलें।
समाजवादी पार्टी प्रमुख व सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि मणिपुर में जो हो रहा है, वह किसी से छिपा नहीं है। इस मुद्दे पर संसद में बात होनी चाहिए, क्योंकि मणिपुर में जो भी हो रहा है, इसकी जानकारी सरकार को होगी। ऐसे में इस मुद्दे पर सदन में बात करना जरूरी है।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि मणिपुर में जो हुआ, वह भयावह है। वहां 55 हजार से अधिक लोगों को घरों से विस्थापित होना पड़ा है। वहां उपजी हिंसा के कारण 149 लोग मारे गए। यह कोई छोटी समस्या नहीं है। इन समस्याओं पर विरोध जताने के लिए विपक्ष के नेताओं ने काले कपड़े पहने हैं।
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को मणिपुर की कोई चिंता नहीं है। वह देश विदेश में जाकर लगातार भाषण दे रहे हैं लेकिन मणिपुर मुद्दे पर संसद में बोलने को तैयार नहीं हैं।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को गृह मंत्री शाह ने लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष खड़गे को पत्र लिखकर मणिपुर मुद्दे पर चर्चा का अनुरोध किया था। शाह ने कहा था कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। सरकार इस मुद्दे पर कुछ भी छिपाना नहीं चाहती है।
बीते दिनों मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न करके घुमाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसे लेकर विपक्ष लगातार केन्द्र और राज्य सरकार की आलोचना कर रहा है और संसद के दोनों सदनों में मणिपुर के हालात पर चर्चा की मांग कर रहा है। मणिपुर में मैतेई समुदाय को एसटी श्रेणी में शामिल किए जाने की मांग के विरोध में तीन मई को रैली का आयोजन हुआ था। ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर ने इस रैली का आयोजन किया था। रैली के दौरान हिंसा भड़क गई थी।