नैहाटी सांस्कृतिक विकास मंच ने मनायी प्रेमचंद जयंती

नैहाटी : नैहाटी सांस्कृतिक विकास मंच ने सोमवार को गौरीपुर हिंदी प्राइमरी स्कूल में प्रेमचंद जी की 143वीं जयंती मनायी। गौरीपुर हिंदी प्राइमरी स्कूल के शिक्षक प्रभारी अमरनाथ साव ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। नैहाटी सांस्कृतिक विकास मंच के संयोजक अभिषेक कोहार ने कहा, ‘’पश्चिम बंगाल में प्रेमचंद जयंती पहली बार बड़े रूप में कांकीनाड़ा में मनायी गयी थी। प्रसिद्ध आलोचक नामवर सिंह प्रधान वक्ता थे।

प्रेमचंद की जन्मशती पर वर्ष 1980 में भाटपाड़ा नगरपालिका ने पूरे देश में पहली बार प्रेमचंद शतवार्षिकी भवन का निर्माण किया था। इससे हमारे जिले के गौरवशाली इतिहास की जानकारी मिलती है। प्रेमचंद की कहानी पर विश्वप्रसिद्ध फिल्म निर्देशक सत्यजित राय और मृणाल सेन ने फिल्में बनायी। नैहाटी सांस्कृतिक विकास मंच का उद्देश्य नयी पीढ़ी के बीच सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से हिंदी, बांग्ला और उर्दू भाषियों के बीच सांस्कृतिक पुल बनाना है।”

गौरीपुर प्राइमरी स्कूल की कक्षा 4 की छात्रा दिव्या साव ने “ईदगाह” कहानी का प्रभावशाली पाठ किया। द्वितीय अंश का पाठ गौरीपुर हिंदी प्राइमरी स्कूल के कक्षा-4 की छात्रा आरोही साव ने किया। कहानी के तृतीय अंश का पाठ गौरीपुर हिंदी प्राइमरी स्कूल के ही कक्षा-3 के छात्र राजू कोहार ने किया।

अमर नाथ साव ने नैहाटी सांस्कृतिक विकास मंच को ऐसे कार्यक्रम आयोजित और मूर्त रूप देने के लिए तहे दिल से धन्यवाद दिया। उन्होंने प्रेमचंद के महत्व को बताते हुए कहा कि प्रेमचंद ऐसे कहानीकार हैं जिनकी कहानियाँ प्राइमरी स्कूल से लेकर विश्वविद्यालय के विद्यार्थी पढ़ते हैं। अपने स्कूल के तीन विद्यार्थियों को बधाई दी जिन्होंने तन्मयता और प्रभावशाली रूप में ईदगाह कहानी का पाठ किया।

गौरीपुर गर्ल्स प्राइमरी स्कूल के शिक्षक प्रभारी अनिल गुप्ता ने प्रेमचंद की कहानी ‘ईदगाह’ को अतुल्य शैली में पाठ करने के लिए तीनों विद्यार्थियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि जब हमलोग अपने शिक्षण प्रोफेशन में आए तब ‘ईदगाह’ कहानी को तल्लीनता से पढ़ाया जाता था। हामिद के अंदर त्याग और वात्सल्य भावना कहाँ से आयी जो सब कुछ त्याग कर अपनी बूढ़ी दादी के लिए चिमटा खरीद लाता है। एक छोटे बच्चे को प्रेमचंद ने नायकत्व प्रदान किया। कार्यक्रम के आयोजन में संरक्षक रंजीत बर्मा की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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