देश में महिला नेतृत्व वाला विकास हमारी प्रमुख प्राथमिकता : प्रधानमंत्री

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि महिलाओं के नेतृत्व वाला विकास भारत सरकार की एक प्रमुख प्राथमिकता रही है।

महिला सशक्तिकरण पर जी20 मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने अपने वीडियो संदेश में यह बात कही। उन्होंने कहा कि जब महिलाएं समृद्ध होती हैं तो दुनिया समृद्ध होती है। उनका आर्थिक सशक्तिकरण विकास को बढ़ावा देता है, शिक्षा तक उनकी पहुंच वैश्विक प्रगति को बढ़ावा देती है। उनका नेतृत्व समावेशिता को बढ़ावा देता है और उनकी आवाजें सकारात्मक बदलाव को प्रेरित करती हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने का सबसे प्रभावी तरीका महिला-नेतृत्व वाला विकास दृष्टिकोण है। भारत इस दिशा में कदम बढ़ा रहा है।

महिला सशक्तिकरण पर प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें उन बाधाओं को दूर करने के लिए काम करना चाहिए, जो बाजारों और वैश्विक मूल्य श्रृंखला तक महिलाओं की पहुंच पर प्रतिबंध लगाती हैं। साथ ही, हमें यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि देखभाल और घरेलू काम के बोझ को उचित रूप से संबोधित किया जाए।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर हर्ष व्यक्त किया कि भारत की अध्यक्षता में महिला सशक्तिकरण पर एक नया कार्य समूह स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक प्रेरणादायक उदाहरण बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह एक साधारण आदिवासी पृष्ठभूमि से आती हैं, लेकिन अब दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का नेतृत्व करती हैं और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी रक्षा सेना के कमांडर-इन-चीफ के रूप में कार्य करती हैं।

भारत में महिला सशक्तिकरण के प्रयासों के परिणामों को प्रधानमंत्री ने आगे रखा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत लगभग 70 प्रतिशत ऋण महिलाओं को स्वीकृत किए गए हैं। इसी तरह, स्टैंड अप इंडिया के तहत 80 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं, जो ग्रीनफील्ड परियोजनाओं के लिए बैंक ऋण ले रही हैं।

उन्होंने बताया कि भारत के हमारे सहकारी आंदोलन की कई सफलता की कहानियां महिलाओं द्वारा संचालित हैं। ऐसा ही एक उदाहरण गुजरात राज्य में डेयरी क्षेत्र से है। गुजरात में डेयरी क्षेत्र से 36 लाख महिलाएं जुड़ी हैं। विशेष रूप से, जहां तक भारत में महिलाओं के नेतृत्व वाले यूनिकॉर्न का संबंध है, ऐसे यूनिकॉर्न का संयुक्त मूल्य 40 बिलियन डॉलर से अधिक है। भारत में स्टेम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) स्नातकों में लगभग 43 प्रतिशत महिलाएं हैं। भारत में लगभग एक-चौथाई अंतरिक्ष वैज्ञानिक महिलाएं हैं। चंद्रयान, गगनयान और मिशन मंगल जैसे हमारे प्रमुख कार्यक्रमों की सफलता के पीछे महिला वैज्ञानिकों की प्रतिभा और कड़ी मेहनत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *