कोलकाता : बेहाला में सड़क दुर्घटना में दूसरी कक्षा के छात्र की मौत पर खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आक्रोश व्यक्त किया। सचिवालय सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी को फोन कर जानना चाहा कि कोलकाता पुलिस के ”सेफ ड्राइव, सेव लाइफ” कार्यक्रम के बावजूद यह घटना कैसे हुई?
मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव ने शुक्रवार सुबह कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को फोन किया। उन्होंने घटना के बारे में भी विस्तार से जानकारी ली। सूत्रों के मुताबिक, राज्य प्रशासन की ओर से मुख्य सचिव कोलकाता पुलिस के संपर्क में हैं।
शुक्रवार सुबह बेहला में लॉरी की चपेट में आने से सात साल के मासूम और उसके पिता की मौत के बाद बेहाला में विरोध भड़क गया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि सुबह करीब 6:30 बजे मिट्टी से लदी लॉरी तेज गति से आई और प्राथमिक विद्यालय के छात्र सुभ्रनील सरकार और उसके पिता को रौंद दिया।
हादसे के बाद डायमंड हार्बर रोड पर स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। बेहाला चौरास्ता से सटी सड़क पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई। इलाके में यातायात अवरुद्ध कर दिया गया। स्थानीय लोगों ने शवों को सड़क पर रखकर विरोध प्रदर्शन किया। गुस्साई भीड़ ने पुलिस वैन में आग लगा दी। कथित तौर पर कई सरकारी बसों में तोड़फोड़ की गई। पुलिस ने हालात पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। शिक्षकों और अभिभावकों के एक वर्ग ने यह भी सवाल उठाया कि बारिशा हाईस्कूल के सामने छात्रों के बीच आंसू गैस के गोले क्यों फोड़े गए।
सुबह करीब 10:30 बजे कोलकाता पुलिस कमिश्नर (सीपी) विनीत गोयल मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा, ‘जो हुआ वह बहुत दुखद है। ऐसा नहीं है कि पुलिस वहां नहीं थी या नहीं है। इस सड़क पर दुर्घटनाओं की संख्या अब पहले की तुलना में कम है। लेकिन ऐसा क्यों हुआ इसकी जांच कराई जाएगी। यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।’
नवान्न सूत्रों के मुताबिक, पुलिस व्यवस्था से नाराज मुख्य सचिव ने पुलिस आयुक्त से पूछा है कि जब स्कूल सुबह 6:00 बजे और 7:00 बजे के आसपास खुल जाता है और बच्चों का आना-जाना शुरू हो जाता है तब वहां मिट्टी से लदे ट्रक को अनियंत्रित स्पीड में गुजरने की अनुमति क्यों दी गई।