नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को 77वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में देश के बढ़ते कद और अपनी सरकार की उपलब्धियां की जानकारी देते हुए 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प को दोहराया। उन्होंने कहा कि इस संकल्प को पूरा करने के लिए देश को भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण की तीन बुराइयों को छोड़ना होगा।
लालकिले की प्राचीन से देश के नाम अपने 10वें संबोधन में प्रधानमंत्री ने रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म की बात करते हुए देशवासियों से विकसित राष्ट्र बनाने के लिए और अधिक परिश्रम करने का आह्वान किया। उन्होंने इसके लिए भारत की एकता को मजबूत करने, श्रेष्ठ भारत की कल्पना को साकार करने, महिला नेतृत्व में विकास को आगे बढ़ाने और क्षेत्रीय आकांक्षाओं को पूरा करने की बात कही।
भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण से लड़ना होगा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि 2047 तक देश का तिरंगा विकसित भारत का प्रतिनिधित्व करेगा। इसके लिए शुचिता, पारदर्शिता और निष्पक्षता की जरूरत है। हमें उन बुराइयों से आंख मिचौली बंद करना होगा जिनसे देश सालों से जूझता आ रहा है। यह बुराइयां हैं- भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम में 10 करोड़ लोगों पर कार्रवाई की गई है। यह 10 करोड़ लोग कभी जन्मे ही नहीं। उन्होंने विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाया। पिछले सालों में इस कार्रवाई के तहत 20 गुना ज्यादा जब्ती की गई है। उन्होंने कहा कि परिवारवाद के तहत राजनीतिक दलों में विकृतियां आई हैं। परिवार वादी पार्टियां केवल अपने लिए काम कर रही हैं। यह परिवारवाद प्रतिभा का दुश्मन है और योग्यता को नकारता है। वहीं, तुष्टिकरण से सामाजिक न्याय सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। इससे देश का राष्ट्रीय चरित्र प्रभावित हुआ है।
ग्रामीण महिलाओं को ड्रोन की ट्रेनिंग देंगे
प्रधानमंत्री ने नारी शक्ति का उल्लेख करते हुए आने वाले समय में गावों में दो करोड़ लखपति ‘दीदी’ के संकल्प को दोहराया। इस क्रम में उन्होंने घोषणा की कि कृषि क्षेत्र में ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को ड्रोन चलाने उसे रिपेयर करने की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए सरकार 15 हजार स्वयं सहायता समूहों से शुरुआत करने जा रही है।
कामगारों के लिए विश्वकर्मा योजना की घोषणा
प्रधानमंत्री मोदी ने विश्वकर्मा योजना की घोषणा की। उन्होंने बताया कि विश्वकर्मा दिवस पर देश के कामगारों के लिए सरकार योजना लाने जा रही है। उन्होंने बताया कि परंपरागत कलाओं के लिए अगले महीनों में 13 से 15 हजार करोड़ रुपये इस योजना के लिए खर्च किए जायेंगे।
स्थिर सरकार के कारण रिफॉर्म संभव हुए
प्रधानमंत्री ने कहा कि देशवासियों ने देश में एक स्थिर सरकार चुनी है। देशवासियों की ओर से चुनी गई स्थिर सरकार के कारण ही वे रिफॉर्म (बदलाव) की ताकत विकसित कर पाए। इसी के चलते नौकरशाही ने ट्रांसफॉर्म के लिए परफॉर्म किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की 9 साल की उपलब्धियों को गिनाया। उन्होंने कहा कि जब हम 2014 में सत्ता में आये तो हम वैश्विक आर्थिक व्यवस्था में 10वें स्थान पर थे। आज 140 करोड़ भारतीयों के प्रयास से हम पांचवें स्थान पर पहुंच गये हैं, ये ऐसे ही नहीं हुआ। भ्रष्टाचार के जिस राक्षस ने देश को अपनी गिरफ्त में ले रखा था – हमने लीकेज रोकी और एक मजबूत अर्थव्यवस्था बनाई।
देश मणिपुर के साथ खड़ा है
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में मणिपुर के दर्द को आगे रखते हुए कहा कि देश उनके साथ खड़ा है। उन्होंने शांति की अपील करते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। साथ ही प्रधानमंत्री ने प्रकृति आपदाओं के कारण अपने जनों को खोने वाले लोगों के साथ संवेदना व्यक्त की।
महंगाई कम करने की दिशा में काम
वैश्विक परिदृश्य पर प्रधानमंत्री ने विशेष ध्यान दिलाते हुए कहा कि नई व्यवस्था को भारत के 140 करोड़ लोगों में आकार देने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी और युद्ध के चलते दुनिया भर में महंगाई बढ़ रही है। बड़ी-बड़ी अर्थव्यवस्थायें महंगाई की मार झेल रही हैं। ऐसे में देश ने महंगाई को नियंत्रण में रखा है। सरकार इसे कम करने की दिशा में हर प्रयास कर रही है। शहरी क्षेत्र में रहने वाले किराए पर रहने वाले लोगों को सरकार घर खरीदने के लिए दिए जाने वाले ऋण में सहयोग करेगी।
आने वाले 5 साल में तीसरे स्थान पर होगा भारत
अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में जगह देश की सत्ता में आए थे। उस समय देश वैश्विक अर्थव्यवस्था में दसवें स्थान पर था। अब यह देश के 140 करोड़ लोगों के प्रयास से पांचवें स्थान पर पहुंच गया है और आने वाले समय में 5 सालों में यह तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगा। अपनी सरकार की दृढ़ निश्चय क्षमता का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 25 सालों तक नई संसद बनाने का केवल उल्लेख किया जाता था लेकिन हमने समय से पहले संसद को बनाकर तैयार कर दिया।
हमारे पास जनसांख्यिकी, लोकतंत्र और विविधता
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में देशवासियों को परिवारजन कहकर संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और अब यह जनसंख्या के मामले में भी दुनिया का नेतृत्व कर रहा है। देश की क्षमताओं का बखान करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे पास जनसांख्यिकी, लोकतंत्र और विविधता है। इन तीनों में मिलकर देश के सपने साकार करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि देश में अवसरों और संभावनाओं की कोई कमी नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कविता की पंक्तियों के साथ भाषण का समापन किया- “चलता चलाता कालचक्र, अमृत काल का भाल चक्र, सबके सपने, अपने सपने, बनते सपने सारे, धीरे चले, वीर चले, चले युवा हमारे, नीति सही, प्रीति नई, गलती सही, राह नई, चुने चुनौती, सीना ताने, जग में बदलो देश का नाम।”
प्रधानमंत्री ने इस बात पर हर्ष व्यक्त किया कि स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होने के लिए सीमावर्ती गांवों से वहां के सरपंच आए हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक इन्हें देश की अंतिम गांव समझा जाता था लेकिन उनकी सरकार ने इन्हें देश के पहले गांव के रूप में पहचान दी है।
प्रधानमंत्री ने ध्वजारोहण कर स्वतंत्रता दिवस समारोह की शुरुआत की। इससे पहले उन्होंने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।