कोलकाता : जादवपुर विश्वविद्यालय में प्रथम वर्ष के छात्र की मौत के बाद क्या हुआ था? इस बारे में पहली बार हॉस्टल के सुरक्षा गार्ड ने मीडिया के कैमरे के सामने सच्चाई उजागर किया है। उसने बताया है कि छात्र की मौत के बाद हॉस्टल सुपरिंटेंडेंट समेत छात्रों का एक बड़ा समूह आया था और स्पष्ट निर्देश देकर कहा था कि मुख्य गेट बंद कर दो। किसी को भी अंदर नहीं आने देना है।
उसने दावा किया कि छात्र को पीली टैक्सी में बाहर ले जाने के बाद कई छात्रों और छात्रावास अधीक्षक द्वैपायन दत्त ने उनसे गेट बंद रखने को कहा। उन्होंने कहा था कि कोई भी बाहर से प्रवेश नहीं कर सके।
सुरक्षा गार्ड ने कहा कि हॉस्टल में दो गेट हैं। एक छोटा सा गेट। दूसरा बड़ा गेट है। हर कोई छोटे गेट से प्रवेश करता है और बाहर निकलता है। बड़े गेट पर ताला लगा रहता है। वारदात के समय मैं खाना खा रहा था। अचानक छात्रों का एक समूह आया और बड़े गेट का ताला खोलने को कहा कहा कि एक छात्र गिर गया है।
उसने कहा कि मैं खाना छोड़कर गेट का ताला खोलने गया। कुछ ही देर में एक ऑटो और एक टैक्सी वहां आ गई। इसके बाद उसे (तीन मंजिल से गिरे छात्र को) पीली टैक्सी में बाहर निकाला गया।
उसके बाद क्या हुआ? सुरक्षा गार्ड ने कहा कि इसके बाद एंबुलेंस वहां पहुंची लेकिन तब तक पीली टैक्सी निकल चुकी थी। उसके बाद एंबुलेंस भी चली गई।
इसके बाद गार्ड ने बताया कि हॉस्टल सुपरीटेंडेंट ने कहा कि किसी को भी अंदर मत आने देना। मेन गेट बंद रहना चाहिए। आरोप है कि इसके बाद में जब पुलिस पहुंची तो उसे घुसने से रोकने के लिए छात्रों ने रास्ता जाम कर दिया था।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विश्वविद्यालय के वामपंथी छात्रों पर छात्र की हत्या का आरोप लगाया है।