बेगूसराय/कोलकाता : भगवान विश्वकर्मा पूजन की तैयारी तेज हो गई है। विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर को होता है लेकिन इस वर्ष पंचांग के तिथि और राशि गणना के अनुसार विश्वकर्मा पूजा का शुभ योग 18 सितंबर को बन रहा है।
ज्योतिष अनुसंधान केंद्र गढ़पुरा के संस्थापक पंडित आशुतोष झा ने बताया कि भाद्रपद माह के अंतिम तिथि को सूर्य के विचार से विश्वकर्मा पूजा किया जाता है। जिसे कन्या भद्र या कन्या संक्रांति कहते हैं। इस वर्ष विश्वकर्मा पूजा, हरितालिका तीज एवं चौथ चंद्र का पर्व एक ही दिन 18 सितंबर को मनाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सूर्य में कन्या राशि के प्रवेश करने पर संक्रांति काल में विश्वकर्मा पूजा होता है। आमतौर पर 17 सितंबर को कन्या राशि का सूर्य में प्रवेश हो जाता है लेकिन इस वर्ष 18 सितंबर को सूर्योदय कल से एक दंड 52 पल पहले कन्या राशि में प्रवेश हो रहा है। यानी 18 सितंबर के सूर्योदय काल 5:55 से 36 मिनट पहले 5:19 पर कन्या सूर्य में प्रवेश करेगी। उसके बाद ही विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त है और दिन पूरे दिन विश्वकर्मा का पूजन होगा। दोपहर 12 बजे तक अभिजीत मुहूर्त है जबकि तीज पूजन सुबह 10:36 तक किया जा सकता है।