कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार के मामले में जांच कर रहे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अपने आप इस मामले में गिरफ्तार किए गए तृणमूल विधायक और प्राथमिक शिक्षा परिषद के अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य के खिलाफ जांच बंद कर दी थी। इसे लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट ने सोमवार को तीखी नाराजगी जताई। न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली ने पूछा कि सीबीआई ने आखिर क्यों माणिक भट्टाचार्य के खिलाफ जांच बंद की? उन पर परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं से छेड़छाड़ के आरोप हैं। इस मामले में कुछ भी जांच नहीं हो रही है।
हालांकि सीबीआई के अधिवक्ता ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने माणिक भट्टाचार्य के खिलाफ कड़ा कदम उठाने से रोक लगाई है। इस पर न्यायाधीश ने कहा कि कड़ा कदम उठाने से रोक लगाई गई है। अब और क्या कड़ा कदम उठाया जाएगा? वह तो जेल में हैं। उनसे पूछताछ तो हो ही सकती है। वह भी बंद है, क्यों?
2014 की प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में बैठने वाले छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं से बड़े पैमाने पर छेड़छाड़ किए गए। दावा है कि 33 हजार से अधिक परीक्षार्थियों की ओएमआर शीट से छेड़खानी हुई। कोर्ट ने इस मामले में माणिक से जवाब मांगा था लेकिन उन्होंने संतोषजनक उत्तर नहीं दिया जिसके बाद उनके खिलाफ जांच तेज करने का आदेश हाईकोर्ट ने दिया था। हालांकि वह सुप्रीम कोर्ट चले गए थे जहां से कहा गया था कि उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं होगी।