नयी दिल्ली : केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल ने गुरुवार को राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश किया। उन्होंने कहा कि जनगणना और परिसीमन महिला आरक्षण विधेयक को अधिक प्रभावी बनाएगा। जनगणना और परिसीमन के बाद एससी-एसटी वर्ग की महिलाओं को इसका समुचित लाभ मिल पाएगा। इसलिए जनगणना और परिसीमन समय की मांग है और संविधान सम्मत भी है।
मेघवाल ने कहा कि विधेयक पास होने के बाद ही जनगणना और परिसीमन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। हमारी सरकार मानकों के अनुसार इस विधेयक पर त्वरित कार्रवाई के लिए तैयार भी है। हम चाहते हैं कि देश की माताओं, बहनों, बेटियों को उनका हक मिले। केंद्र सरकार की ओर से अनेक कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसका सीधा लाभ हमारी माताओं, बहनों, बेटियों को मिल रहा है। हमारी सरकार महिलाओं के हित में लगातार काम कर रही है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस सांसद रंजीता रंजन ने राज्यसभा में चर्चा के दौरान विधेयक का समर्थन किया लेकिन उन्होंने विधेयक के नाम को लेकर आपत्ति भी जताई। उन्होंने कहा कि ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ नाम ठीक नहीं है। यह दिखाता है कि हम पर दया किया जा रहा है। महिलाओं को दया की जरूरत नहीं है। यह हमारा संवैधानिक अधिकार है, जिसे हमें दिया जाना चाहिए था। यह किसी की ओर से उपकार या उपहार में हमें नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक को परिसीमन और जनगणना का इंतजार किए बिना लागू किया जाना चाहिए।