नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि रेलवे गरीब और मध्यवर्ग की सबसे बेहतर सहयात्री है। आज का यह यात्री इज ऑफ ट्रैवलिंग और समय की बचत चाहता है जिसमें वंदे भारत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि यह ट्रेन उन लोगों के लिए बहुत सुविधाजनक है जो एक दिन में यात्रा कर दूसरे शहर से अपने घर लौटना चाहते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नौ वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज चलाई जा रही नई ट्रेनें आधुनिक और बेहतर सुविधाओं से युक्त हैं। देश में वंदे भारत के प्रति लोगों का क्रेज बढ़ रहा है। इसमें अब तक एक करोड़ 19 लाख से ज्यादा यात्री सफर कर चुके हैं। आने वाले समय में देश के हर हिस्से को वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों से जोड़ा जाएगा। आज सरकार ट्रांसपोर्टेशन पर लगने वाली लागत को कम करने का प्रयास कर रही है। इससे देश का निर्यात भी बढ़ेगा। इसी कारण से अब रेलवे के बजट को कई गुना बढ़ाया गया है।
जिन नई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई गई उनके नाम हैं: उदयपुर- जयपुर वंदे भारत एक्सप्रेस; तिरुनेलवेली-मदुरै-चेन्नई वंदे भारत एक्सप्रेस; हैदराबाद-बेंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस; विजयवाड़ा-चेन्नई (रेनिगुंटा के रास्ते) वंदे भारत एक्सप्रेस; पटना-हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस; कासरगोड-तिरुवनंतपुरम वंदे भारत एक्सेप्रेस; राउरकेला-भुवनेश्वर-पुरी वंदे भारत एक्सप्रेस; रांची-हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस; जामनगर-अहमदाबाद वंदे भारत एक्सप्रेस। ये नौ ट्रेनें 11 राज्यों- राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, पश्चिम बंगाल, केरल, ओडिशा, झारखंड और गुजरात में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देंगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों में रेल मंत्री कौन बनेगा इसको लेकर सबसे अधिक चर्चा होती थी। मंत्री जिस प्रदेश से आता था उस राज्य के लिए सबसे ज्यादा ट्रेन चलाई जाती थी। हालांकि जिन ट्रेनों की घोषणाएं होती थीं वो ट्रेनें कभी पटरी पर नहीं उतरती थीं। उन्होंने कहा कि स्वार्थ की इस सोच ने रेलवे को कम बल्कि देश का ज्यादा नुकसान पहुंचाया है।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने 1 अक्टूबर को देश में चलाई जाने वाले स्वच्छता महाभियान की जानकारी देते हुए लोगों से इसमें अधिक से अधिक सहभागिता करने की अपील की। साथ ही उन्होंने गांधी जयंती के अवसर पर खादी और स्वदेशी को अपने की भी अपील की। प्रधानमंत्री रेलवे स्टेशनों के हो रहे कायाकल्प को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यात्रियों के लिए यह भी एक आवास की भूमिका निभाता है। आज रेलवे स्टेशनों का जन्मदिन मनाए जाने की एक नई परंपरा शुरू हुई है। आने वाले समय में इसे विस्तार दिया जाएगा और अधिक सटेशनों व लोगों को इससे जोड़ा जाएगा। प्रधानमंत्री ने रेलकर्मियों को लोगों के इज ऑफ ट्रैवल को बेहतर बनाने पर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया। साथ ही इस संदर्भ में उनकी भूमिका की प्रशंसा करते हुए लोगों द्वारा उनके कार्य को सराहे जाने पर बधाई भी दी।
इस अवसर पर रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हमारा प्रयास ज्यादा से ज्यादा यात्रियों और माल ढुलाई को रेलवे पर शिफ्ट करने का रहा है। इसके अलावा रेलवे को डीजल से मुक्त कर उसके विद्युतीकरण पर भी रहा है। पिछले 9 साल में 37 हजार किलोमीटर रेलवे लाइन का विद्युतीकरण हुआ है। यह जर्मनी के कुल नेटवर्क के बराबर है।