कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार के मामले में केंद्रीय परवर्तन निदेशालय (ईडी) को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट ने सोमवार को महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने कहा है कि जिस तरह से आप लोग अभिषेक के खिलाफ जांच कर रहे हैं, वह मुझे कुछ और शक करने को मजबूर कर रहा है। उनका इशारा अभिषेक बनर्जी के साथ ईडी अधिकारियों की मिली भगत की ओर था।
दरअसल 11 सितंबर को कोर्ट ने लिप्स एंड बाउंड्स कंपनी के निदेशककों सहित अभिषेक बनर्जी की संपत्ति का ब्यौरा कोर्ट में जमा करने को कहा था। आज वह डिटेल कोर्ट में जमा की गई। इसमें देखा गया कि अभिषेक बनर्जी के बैंक अकाउंट से लेकर उनके नाम मौजूद संपत्तियों के बारे में कोई जिक्र नहीं है। इसके बाद जस्टिस सिन्हा बेहद नाराज हुईं। उन्होंने दोपहर दो बजे के बाद ईडी के जांच अधिकारियों को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया। उसी के मुताबिक अधिकारी पेश भी हुए।
ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर मिथिलेश कुमार मिश्रा जब कोर्ट के कटघरे में पहुंचे तो न्यायाधीश ने उनसे पूछा कि अभिषेक बनर्जी के नाम पर क्या कोई बैंक खाता नहीं है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि नहीं पता। फिर जज ने पूछा की कमैक स्ट्रीट के 188 /ए हरिश मुखर्जी रोड स्थित घर का मालिक कौन है? अभिषेक बनर्जी या कंपनी के दूसरे निदेशकों के नाम पर है। इस बारे में आपको जानकारी है? तब मिश्रा ने कहा कि जानकारी है? तब न्यायाधीश ने पूछा कि किसके नाम पर है ? तब वह बगले झांकने लगे और कहा कि हम अभी कंफर्म नहीं हैं, इसीलिए नहीं बता पा रहे हैं। तब कोर्ट ने कहा कि जब आप जानते हैं और उसकी सारी डिटेल निकाले हैं तो कोर्ट को क्यों नहीं दे रहे हैं? इसका मतलब आप कोर्ट को गुमराह कर रहे हैं?
मुझे कुछ और संदेह हो रहा है। न्यायाधीश ने कहा कि इस तरह से जांच चलेगी तो काम नहीं चलेगा। ईडी के पास बहुत बड़ी ताकत है। उसका इस्तेमाल क्यों नहीं कर रहे हैं? क्यों बार-बार कोर्ट से आपको फटकार झेलनी पड़ रही है? उन्होंने इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने का आदेश दिया।