कोलकाता : कोलकाता में डेंगू संक्रमण लगातार गंभीर रूप लेता जा रहा है। महानगर में डेंगू से एक और मौत का मामला सामने आया है। कोलकाता नगर निगम के 125 नंबर वार्ड डेंगू में रहने वाले एक 63 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो गई है। घटना सोमवार रात की है। मृतक का नाम परेश साव बताया गया है। वे ठाकुरपुकुर नंबर दो बाचाररपाड़ा इलाके के निवासी थे। वह ज्ञान घोष पॉलिटेक्निक कॉलेज में कार्यरत थे एवं दो साल पहले सेवानिवृत्त हुए थे।
स्थानीय लोगों ने स्थानीय पार्षद पर कुप्रबंधन का आरोप लगाया है। हालांकि, वार्ड 125 की पार्षद छन्दा सरकार इसे मानने से इनकार कर रही हैं।
छन्दा सरकार ने कहा कि फिलहाल मैं दिल्ली में हूं। वहां कुछ स्थानीय निवासी विपक्षी दल से जुड़े हैं। वे ही मेरे नाम पर अफवाह फैला रहे हैं। मैं कलकत्ता लौटकर मृतक के घर जरूर जाऊंगी। इलाका बहुत बड़ा है। यहां दो साल से पार्षद हूं। इसलिए हर जगह जाना संभव नहीं हो पाता है।
परेश साव को पिछले शुक्रवार को बुखार आने पर न्यू अलीपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रक्त जांच रविवार रात को की गई। तभी उन्हें डेंगू होने की पुष्टि हुई। सोमवार रात परेश की मौत हो गयी। उनकी मौत की खबर सामने आने के बाद स्थानीय निवासियों ने कई तरह के आरोप लगाए।
स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया है कि वार्ड नंबर 125 ठाकुरपुकुर नंबर 2 बाचारपाड़ा इलाके की स्थिति दो महीने से बदतर है। घुटने भर पानी भरा है। बिजली विभाग का कोई भी कर्मचारी क्षेत्र में नहीं आता है क्योंकि बाचारपाड़ा में प्रवेश करने पर उन्हें घुटने भर पानी में उतरना पड़ेगा। जमे हुए पानी की वजह से यह क्षेत्र मच्छरों का प्रजनन स्थल बन गया है। डेंगू के मच्छर गंदे पानी में पनपते हैं। इसके चलते एक के बाद एक निवासी डेंगू से पीड़ित हो रहे हैं। स्कूल और कॉलेज ऑफिस जाने के लिए हर किसी को इसी पानी से होकर गुजरना पड़ता है।
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि कुछ दिन पहले वार्ड संख्या 125 में एक गृहिणी की डेंगू से मौत हो गयी थी। पार्षद को सूचना देकर कोई लाभ नहीं हुआ। घर के सामने सड़क पर हर तरफ कूड़ा बिखरा हुआ है। इन्हें साफ नहीं किया जाता। जिसके कारण क्षेत्र में कभी-कभी कीड़े-मकौड़ों और सांपों का प्रकोप हो जाता है। फिलहाल डेंगू से एक और मौत से अधिक स्थानीय निवासी दहशत में हैं।