कोलकाता : कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने 24 घंटे के अंदर अपना ही फैसला बदल दिया है। सोमवार को उन्होंने विधाननगर के एक अवैध निर्माण को तोड़ने का आदेश दिया था। मंगलवार दोपहर उस पर खुद ही रोक लगा दी।
जिस बिल्डिंग को तोड़ने का आदेश न्यायमूर्ति ने दिया था उसमें 16 परिवारों के लोग रहते हैं। उनकी ओर से स्थानीय पार्षद मंगलवार को कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने न्यायाधीश से कहा कि दुर्गा पूजा का समय है और आपके आदेश का अगर तत्काल अनुपालन कर दिया गया तो इन लोगों के सिर से छत छिन जाएगी। इसके बाद न्यायाधीश ने कहा कि मैं भी नहीं चाहता हूं कि दुर्गा पूजा के समय कोई बेघर हो।
न्यायाधीश ने कहा कि जिस प्रमोटर ने बिल्डिंग बनाया है उसे यहां रहने वाले सभी लोगों के रुपये लौटाने होंगे। 16 परिवार उस बिल्डिंग के फ्लैट्स में रहते हैं। न्यायाधीश ने कहा 19 दिसंबर तक इसे तोड़ने पर रोक बरकरार है। नगर निगम इस बारे में फैसला लेकर लिखित में कोर्ट को बताएं। 24 नवंबर को मामले की अगली सुनवाई होगी।