Bihar : दीक्षांत समारोह पर दिए गए बयान पर नीतीश की सफाई

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो)

पटना : बिहार केसरी स्व. डॉ. श्रीकृष्ण सिंह की जयंती पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मेरे वक्तव्य को आप लोगों ने कहीं जगह नहीं दिया और बात का बतंगड़ बना दिया। कार्यक्रम के पश्चात मुख्यमंत्री ने भाजपा नेताओं से दोस्ती वाले बयान पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि जब हम कुछ बोलते हैं तो आप लोग ध्यान से नहीं सुनते हैं।

उन्होंने कहा कि मोतिहारी के महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय विश्वविद्यालय के निर्माण के संबंध में हम बता रहे थे। उस समय की केंद्र सरकार से हमने केंद्रीय विश्वविद्यालय निर्माण के संबंध में कहा था। चंपारण क्षेत्र राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से संबंधित है। इसलिए हमने कहा था कि यहीं पर केंद्रीय विश्वविद्यालय का निर्माण किया जाए।

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सीएम ने कहा कि वर्ष 2005 में जब हमारी सरकार बनी तो हमने चंपारण से ही कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इन्हीं सब बातों की हम चर्चा कर रहे थे और उन लोगों से कह रहे थे कि आप सभी लोग इसे याद रखिएगा न? तो सभी ने ताली बजाकर कहा हां हम याद रखेंगे। बस इतनी सी ही बात है। हमने कहीं ऐसी बात नहीं की है कि हम आपके साथ हैं। जो लोग केवल केंद्र की बात करते रहते हैं उन्हें हम अलर्ट करते रहते हैं कि जो काम बिहार सरकार के द्वारा राज्य में किया गया कार्य को जरूर याद रखिएगा। हम जो बोलते हैं उसको लोग मीडिया में जगह नहीं देते हैं। हमने अपने अधिकारियों से कहा है कि मेरा जो उस दिन भाषण हुआ है उसको भी रिलीज कर दीजिए। आज हम जो भी काम किए हैं किसी के कहने पर नहीं किए हैं। यह मेरी व्यक्तिगत इच्छा थी और वे लोग सहयोग में थे।

भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी के बयान से संबंधित पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशील कुमार मोदी पहले क्या थे? लालू प्रसाद यादव पटना यूनिवर्सिटी के चेयरमैन थे और उनको जनरल सेक्रेटरी बनाए। उस वक्त हम इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ते थे। उस समय हमारे इंजीनियरिंग कॉलेज का पांच सौ वोट था। उसमें से हमलोगों ने 400 वोट इन्हीं लोगों को दिलवाए थे, तब लोग जीतकर आए। जब हमलोग साथ में थे तब सब काम उनको ठीक लग रहा था। मुझे तकलीफ हुई थी जब उन्हें उप मुख्यमंत्री बनाया गया।

नीतीश ने कहा कि आजकल सुशील मोदी रोज कुछ कुछ बोलते रहते हैं। इस पर मुझे कुछ नहीं कहना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिसको जो कुछ कहना है कहे। हमको इससे कोई लेना देना नहीं है। हमलोग दिन रात काम करते हैं। कहीं किसी प्रकार की कोई आवश्यकता होती है उसके लिए हमलोग बैठक करते हैं। हमने ही दफ्तर आने का समय 9.30 निर्धारित किया था। वर्ष 2013 तक मुख्य सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में हम हमेशा आते थे। हम फिर अब यहां 9.30 बजे रेगुलर आने लगे हैं। अब मंत्री से लेकर सभी लोग समय पर आने लगे हैं। हमारी बस एक दिलचस्पी है कि बिहार के हित में काम करना और देश के पक्ष में जो भी हो सके अपनी बात को रखते हैं।

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