रावण के साथ जातिवाद और क्षेत्रवाद का भी दहन होना चाहिए : प्रधानमंत्री

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दशहरा पर्व पर जनता से आह्वान किया कि रावण के साथ आज समाज का सौहार्द बिगाड़ने वाली विकृतियों का भी दहन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जातिवाद और क्षेत्रवाद में मां भारती को बांटने का प्रयास करने वाली शक्तियों का हमें दहन करना होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज द्वारका सेक्टर 10 के रामलीला मैदान में विजयदशमी के अवसर पर रावण दहन के कार्यक्रम में भाग लिया। इस रामलीला का आयोजन श्री रामलीला समिति करती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “हमें ध्यान रखना है कि आज सिर्फ रावण के पुतले का दहन न हो, बल्कि हर उस विकृति का दहन होना चाहिए जिसके कारण समाज का आपसी सौहार्द बिगड़ता है। उन शक्तियों का भी दहन होना चाहिए, जो जातिवाद और क्षेत्रवाद के नाम पर मां भारती को बांटने का प्रयास करती हैं। उन विचारों का भी दहन होना चाहिए, जिनमें भारत का विकास नहीं, स्वार्थ की सिद्धि निहित है।”

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प्रधानमंत्री ने कहा कि राम मंदिर में भगवान राम के विराजने में बस कुछ महीने बचे हैं। अगली रामनवमी पर रामलला के मंदिर में गूंजा हर स्वर पूरे विश्व को हर्षित करने वाला होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज विजयदशमी के अवसर पर शस्त्र पूजन भी किया जाता है। इसका उद्देश्य अपनी रक्षा के साथ पूरे विश्व का कल्याण करना है। हम किसी को परास्त करने के लिए नहीं, बल्कि स्वयं को सुरक्षित करने के लिए हथियारों की पूजा करते हैं।

प्रधानमंत्री ने इस दौरान जनता से 10 संकल्प लेने का आह्वान किया, जिसमें देश के गरीबों का सामाजिक आर्थिक उत्थान भी शामिल था।

1. पानी बचाएं

2. डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करें

3. गांव-कस्बों में स्वच्छता को बढ़ावा दें

4. भारत में बने उत्पादों का उपयोग करें

5. खराब गुणवत्ता वाले उत्पाद न बनाएं

6. हम पहले देशभर में घूमेंगे, उसके बाद दुनिया में घूमेंगे

7. किसान जैविक खेती के लिए जागरूक हों

8. सुपर फूड-बाजरा को हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं

9. योग, खेल, फिटनेस को प्राथमिकता दें

10. कम से कम एक गरीब परिवार का समर्थन करें

दिल्ली के द्वारका में दशहरा आयोजन में शामिल होकर प्रधानमंत्री ने पूजा अर्चना की। साथ ही रामलीला के पात्र कलाकारों राम, लक्ष्मण और सीता की आरती उतारी। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम भगवान राम की मर्यादा भी जानते हैं और अपनी सीमाओं की रक्षा करना भी जानते हैं। हम शक्ति पूजा का संकल्प भी जानते हैं और करोड़ों में सर्वसंतु निरामया का मंत्र भी जी करके दिखाते हैं।

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