कोलकाता : भाजपा छोड़कर तृणमूल में शामिल हुए बिष्णुपुर से विधायक तन्मय घोष के परिवार के स्वामित्व वाली चावल मिल पर तीसरे दिन शुक्रवार को भी आयकर विभाग की मैराथन तलाशी जारी है। लगातार 48 घंटे से ज्यादा समय से आयकर विभाग के अधिकारी विधायक के ठिकानों पर छापेमारी कर रहे हैं।
गुरुवार के बाद शुक्रवार की सुबह भी विधायक तन्मय राइस मिल में दिखे। उनके अकाउंटेंट अरूप सामंत को भी बुलाया गया था। सूत्रों के मुताबिक आयकर विभाग के अधिकारी दोनों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ कर सकते हैं।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, बुधवार की रात आयकर प्रतिनिधियों के लिए राइस मिल में बिस्तर और तकिये लाए गए थे। उनके लिए खाना भी बाहर से भेजा जा रहा है।
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी गुरुवार को पार्टी के कार्यक्रम में शामिल होने बांकुड़ा के बिष्णुपुर आए थे। भाजपा के उस मंच से बिष्णुपुर विधायक तन्मय घोष की तुलना खाद्य विभाग के भ्रष्टाचार के आरोपियों में से एक बकिबुर से करते हुए शुभेंदु ने कहा, ””बकिबुर की तरह विधायक तन्मय घोष ने भी इस चावल मिल के जरिए भ्रष्टाचार किया है।” तृणमूल के बिष्णुपुर सांगठनिक जिले के अध्यक्ष और बाराजोरा के विधायक आलोक मुखोपाध्याय ने कहा, ”राजनीतिक प्रतिशोध के कारण तलाशी ली जा रही है। यह चावल मिल का कारोबार तन्मय के पिता के समय का है। आयकर विभाग चाहे कितनी भी कोशिश कर ले, कुछ गलत नहीं किया गया है, इसलिए कुछ मिलेगा नहीं।”
पेशे से व्यवसायी तन्मय 2015 में सक्रिय राजनीति में शामिल हुए और बिष्णुपुर नगर पालिका के पार्षद बने। मई 2020 में बिष्णुपुर नगर पालिका के निर्वाचित बोर्ड का कार्यकाल समाप्त होने के बाद उन्हें प्रशासक मंडल में लाया गया था। इसके अलावा उस साल तन्मय को बिष्णुपुर सिटी यूथ तृणमूल के अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी दी गई थी। वह 2021 में बिष्णुपुर विधानसभा चुनाव में तृणमूल टिकट के दावेदारों में से एक थे। लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया और बिष्णुपुर विधानसभा से अर्चिता विधान को उम्मीदवार बना दिया। इसके बाद तन्मय बीजेपी में शामिल हो गए थे। तन्मय पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर वह जीते थे।