कोलकाता : पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के जयनगर में तृणमूल कांग्रेस नेता सैफुद्दीन लश्कर की हत्या मामले में कॉन्ट्रैक्ट किलिंग का पहलू सामने आया है। जिला पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया है कि सुपारी देकर हत्या करवाई गई है। यह भी पता चला है कि तृणमूल नेता के हत्यारे दूसरे राज्यों में फरार हुए हैं जिनकी तलाश में पुलिस की टीम रवाना हो रही है।
सोमवार को लश्कर की हत्या कर दी गई थी। इस घटना के कारण उसी दिन जवाबी लिंचिंग हुआ। जिला पुलिस सूत्रों ने बताया कि लश्कर की हत्या की प्रकृति से यह स्पष्ट है कि हत्या आवेश में नहीं, बल्कि पूर्व नियोजित थी। प्रारंभिक जांच में यह भी पता चला है कि हत्या की जगह और समय को लेकर पहले से प्लानिंग की गई थी, जबकि हत्या स्थल पर आसपास ज्यादा लोग नहीं थे।
जिला पुलिस के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, पूरी संभावना है कि हत्यारों ने मारे गए नेता की दिनचर्या का पूरी तरह से होमवर्क किया था और उन्हें पता था कि हर सुबह वह अकेले नमाज अदा करने के लिए एक स्थानीय मस्जिद में जाते थे।पुलिस अधिकारी ने कहा,“दूसरी बात, हत्या की प्रकृति से, जहां उसे बहुत करीब से गोली मारी गई थी, पेशेवर हत्यारों की संलिप्तता अधिक स्पष्ट होती जा रही है और संभावना है कि हत्यारे बाहर से आए थे।”
सोमवार की सुबह लश्कर के मारे जाने के बाद जयनगर इलाका मानो रणक्षेत्र में तब्दील हो गया। लश्कर की मौत की खबर फैलने के बाद, ग्रामीणों का एक वर्ग, विशेष रूप से सत्तारूढ़ दल से जुड़े लोग उग्र हो गए। उन्होंने दो स्थानीय ग्रामीणों की पहचान की और उन्हें बुरी तरह पीटना शुरू कर दिया। एक की मौके पर ही पीट-पीटकर हत्या कर दी गई, जबकि दूसरे को पुलिस ने किसी तरह बचा लिया। दो समूहों के बीच झड़प के बाद पूरा इलाका युद्धक्षेत्र में बदल गया। इलाके के कम से कम 10 घरों में आग लगा दी गई।
इस बीच हत्याकांड के पीछे सत्ता पक्ष की अंदरूनी कलह का एंगल भी सामने आ रहा है। स्थानीय लोगों द्वारा पीट-पीटकर मारे गए शाहबुद्दीन शेख की पत्नी ने दावा किया है कि उनके मृत पति सक्रिय रूप से तृणमूल कांग्रेस से जुड़े थे। पुलिस ने इस मामले में तीन एफआईआर दर्ज किए हैं। पहला, लश्कर की हत्या से संबंधित, दूसरा, शेख की पीट-पीटकर हत्या करने का और तीसरा, माकपा समर्थकों के घरों में आगजनी को लेकर।