कोलकाता : भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के कोलकाता सर्कल और ‘कोलकाता-राजस्थान सांस्कृतिक विकास परिषद’, कोलकाता के संयुक्त तत्वावधान में करेंसी बिल्डिंग, बी.बी.डी. बाग, कोलकाता में विश्व विरासत सप्ताह (19-25 नवंबर), 2023 का आयोजन चल रहा है। इस आयोजन का उद्देश्य कोलकाता की युवा जनता के बीच पुरातत्व के महत्व और सांस्कृतिक विरासतों के प्रति जागरुकता पैदा करना है।
इसका कार्यक्रम का उद्घाटन रविवार को महानगर की करेंसी बिल्डिंग किया गया। इस कार्यक्रम में ज्ञान भारती विद्यापीठ, एमसीके विद्यापीठ, एचयूएम सेल्फ हेल्प एजुकेशन सोसाइटी और टीएचके जैन कॉलेज जैसे विभिन्न संस्थानों के छात्र, स्थानीय जनता और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। पश्चिम बंगाल के प्रशासक जनरल और आधिकारिक ट्रस्टी बिप्लब रॉय (डब्ल्यू.बी.जे.एस.) उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
कोलकाता राजस्थान सांस्कृतिक विकास परिषद के अध्यक्ष प्रकाश चंद्र मूंधड़ा, भारत स्काउट और गाइड, पश्चिम कोलकाता के डिप्टी चीफ कमिश्नर अविनाश गुप्ता, कंसर्न फॉर अर्थ और शुद्ध खादी भंडार के अध्यक्ष पर्यावरणविद सीए संतोष मोहता, सदीनामा की सहसंपादक मीनाक्षी सांगानेरिया, कवि और गीतकार संजय बिनानी, मिश्रा स्कूल के प्रिंसिपल राजेश मिश्रा, एचयूएम संस्था के महासचिव नाविद अख्तर भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर डॉ. राजेंद्र यादव, अधीक्षक, पुरातत्वविद्, एएसआई, कोलकाता सर्कल ने विश्व विरासत सप्ताह के महत्व के बारे में परिचयात्मक भाषण दिया और हमारे देश की स्मारकीय विरासत के संरक्षण, रक्षण और रखरखाव में यूनेस्को और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की भूमिका के बारे में बताया। उन्होंने शांति निकेतन और कर्नाटक के होयसाला के रॉयल एन्सेम्बल जैसे विरासत स्थलों को विश्व धरोहर स्थल घोषित करने में एएसआई की भूमिका को रेखांकित किया।
मुख्य अतिथि पश्चिम बंगाल के प्रशासक जनरल और आधिकारिक ट्रस्टी बिप्लब रॉय (डब्ल्यू.बी.जे.एस.) ने अपने संबोधन में देश और राज्य की समृद्ध राष्ट्रीय विरासत की रक्षा में समुदाय की भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला। सुंदरवन क्षेत्र में पांच एतिहासिक सभ्यताओं के सूत्र संधान को उन्होंने एएसआई कोलकाता सर्किल का महत्वपूर्ण कार्य बताया।
कोलकाता राजस्थान सांस्कृतिक परिषद के महासचिव केशव भट्टड़ ने अपने बयान में कहा कि सभ्यता और धरोहर को सही अर्थों में समझना जरूरी है। नई पीढ़ी को भ्रमित होने से बचाना हम सबका कर्तव्य है। ऐसे कार्यक्रम समय की जरूरत है। वैज्ञानिक चेतना के साथ सभ्यता और धरोहर की बात करने के लिए ऐसे आयोजन दोहराए रहते जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल राज्य के आधिकारिक ट्रस्टी और एडमिनिस्ट्रेटिव जनरल विप्लव राय से पूर्ण सहमत हूँ कि अंधविश्वास सभ्यता के उत्थान को प्रभावित करते हैं और सभ्यता के पतन का कारण बनते हैं। भट्टड़ ने डॉ. राजेन्द्र यादव सहित भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग का आभार व्यक्त करते हुए आह्वान किया कि वैज्ञानिक चेतना के आधार पर सभ्यता और धरोहर को सहेजें, उसकी बात करें। कोलकाता राजस्थान सांस्कृतिक विकास परिषद के अध्यक्ष प्रकाश चंद्र मूंधड़ा, भारत स्काउट और गाइड, पश्चिम कोलकाता के डिप्टी चीफ कमिश्नर अविनाश गुप्ता ने भी अपने विचार रखे।
इस अवसर पर एक फोटो प्रदर्शनी लगाई गई जिसका केंद्रीय विषय भारत के विश्व धरोहर स्मारकों और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के कोलकाता सर्कल द्वारा इसके अधिकार क्षेत्र के तहत केंद्रीय संरक्षित स्मारकों में किए गए महत्वपूर्ण संरक्षण कार्य था।
इस अवसर पर विभिन्न विद्यालयों के स्कूली बच्चों के बीच चित्रांकन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया तथा प्रथम, द्वितीय और तृतीय विजेताओं को ट्रॉफी और पुरस्कार दिये गए। सभी प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाणपत्र भी वितरित किये गये। अतिथियों को अंगवस्त्र, पौधे और इत्र देकर सम्मानित किया गया।