कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल स्कूल भर्ती घोटाला मामले में समानांतर जांच में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के बीच समन्वय की कमी पर नाराजगी व्यक्त की।
न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली की एकल पीठ ने अपने पहले के निर्देश की भी याद दिलाई जिसमें दोनों केंद्रीय एजेंसियों को एक-दूसरे से परामर्श करने के बाद संबंधित आरोप पत्र तैयार करने के लिए कहा गया था।
न्यायमूर्ति गांगुली ने यह भी कहा कि समन्वय की कमी के कारण मामले के सभी आरोपितों के नाम आरोप पत्र में नहीं थे। अदालत ने यह भी कहा कि वह नहीं चाहती कि इस मामले की जांच का हश्र सारदा चिट फंड मामले जैसा हो, जहां जांच 10 साल में भी पूरी नहीं हुई है।
उन्होंने एजेंसियों को तुरंत आपस में समन्वय बनाने का निर्देश दिया। उन्होंने दोनों एजेंसियों को 21 दिसंबर को मामले की अगली सुनवाई के दिन समन्वय के अपडेट के बारे में उनकी पीठ को सूचित करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि उचित आरोप तय किए बिना मुकदमे की प्रक्रिया शुरू करना संभव नहीं होगा। न्यायमूर्ति गांगुली ने कहा, “मैं चाहता हूं कि मुकदमे की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू हो।”