कोलकाता : भाजपा विधायकों के खिलाफ राष्ट्रगान के अपमान पर प्राथमिकी के मामले की सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि कोई हठात राष्ट्रगान नहीं गा सकता।
राष्ट्रगान गाते समय कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है। कोई अचानक से राष्ट्रगान गाना शुरू नहीं कर सकता। भाजपा विधायकों की ओर से दायर मामले पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने यह टिप्पणी की है। राष्ट्रगान के अपमान के आरोप में लालबाजार में 11 भाजपा विधायकों के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई है। विधायकों ने उन्हें हाई कोर्ट में चुनौती दी है।
राष्ट्रगान मानहानि का मामला हाई कोर्ट के जस्टिस जॉय सेनगुप्ता की बेंच में चल रहा है। सुनवाई के दौरान जज ने टिप्पणी की, ”राष्ट्रगान अचानक नहीं गाया जा सकता। अगर यहां कोई राष्ट्रगान गाने लगे तो सभी को सारे काम बंद करके खड़ा होना पड़ेगा। क्या ऐसा किया जा सकता है? राष्ट्रगान के लिए कुछ निश्चित नियम होने चाहिए।”
जज ने सुनवाई में कहा कि जब तृणमूल विधायक, मंत्री राष्ट्रगान गाने लगे तो भाजपा विधायक भी राष्ट्रगान करने लगे। राष्ट्रगान गाने से पहले तृणमूल विधायक नारे लगा रहे थे। राष्ट्रगान के लिए नियमों का पालन करना आवश्यक है।
उल्लेखनीय है कि बुधवार को बंगाल विधानसभा में भाजपा विधायकों और तृणमूल विधायकों के बीच चोर-चोर की नारेबाजी हुई। इसके बाद ममता बनर्जी के निर्देश पर तृणमूल विधायकों ने राष्ट्रगान गाना शुरू कर दिया। 50 मीटर दूरी पर होने की वजह से भाजपा विधायकों ने राष्ट्रगान सुनाई नहीं देने का दावा कर नारे लगाते रहे। अब इसी आधार पर विधानसभा अध्यक्ष की ओर से एक सीसीटीवी फुटेज कोलकाता पुलिस को दिया गया है जिसमें भाजपा विधायकों पर राष्ट्रगान के अपमान का आरोप लगा है। 11 विधायकों के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज हुई है।