कोलकाता : महानगर स्थित जानबाजार में इस बार माँ काली, बद्रीनाथ मंदिर में विराजेंगी। जानबाजार सम्मिलित काली पूजा समिति (Janbazar Sammilita Kali Puja Samity) भव्य काली पूजा आयोजन के लिए विख्यात है और हर बार की तरह इस बार भी समिति की ओर से भव्य पूजा आयोजन की योजना जमीनी स्तर पर दिखाई पड़ रही है।
हालांकि कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने को लिए राज्य सरकार की ओर से जो गाइडलाइन्स जारी किए गए हैं, समिति उन नियमों का पूरी तरह से पालन कर रही है। समिति के कार्यकारी अध्यक्ष व कोलकाता नगर निगम के वार्ड नंबर 52 के को-ऑर्डिनेटर संदीपन साहा ने बताया कि इस बार समिति की ओर से बद्रीनाथ मंदिर की थीम पर पंडाल का निर्माण करवाया गया है।
उन्होंने कहा कि गत वर्ष की तरह ही इस वर्ष भी कोविड को लेकर सरकारी निर्देशों को पालन करते हुए पूजा का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि 1 नवंबर को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पूजा का उद्घाटन करेंगी। संदीपन साहा ने बताया कि इस बार पूजा का बजट लगभग 30 लाख रुपये हैं।
चंदननगर की लाइटिंग से जगमगाएगा पूरा जानबाजार, नहीं होगा रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन
जानबाजार सम्मिलित काली पूजा समिति के आयोजन की खासियत भव्य पंडाल और मूर्तियाँ तो है हीं, इसके साथ ही साथ मन को मोह लेने वाली बत्तियों की सजावट के लिए भी यह समिति प्रसिद्ध है। संदीपन साहा ने बताया कि हर बार कि तरह इस बार भी पंडाल और मूर्तियों की भव्यता बरकार रहेगी और उसके साथ ही हर बार की तरह इस बार भी पूरे जानबाजार को चंदननगर की आकर्षक बत्तियों से जगमगाया जाएगा। हालांकि यह समिति उद्घाटन समारोह के दिन के रंगारंग कार्यक्रम के लिए भी जानी जाती है, जहां मुंबई के कलाकारों का आगमन होता था लेकिन इस बार कोविड प्रोटोकॉल्स को देखते हुए रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन नहीं होगा। वहीं 7 नवंबर को बिना किसी शोभा यात्रा के ही काली पूजा का समापन होगा।
कोविड को लेकर किया जाएगा जागरूक
संदीपन साहा ने बताया कि इस बार भी पूजा कोविड नियमों के तहत किया जा रहा इसलिए पूजा के दौरान समिति की ओर से लोगों को कोविड नियमों का पालन करने को लेकर जागरूक किया जाएगा। इसके साथ ही मास्क व सैनिटाइजर की भी व्यवस्था समिति की ओर से की जाएगी।
छठ पूजा के लिए वार्ड में बनेंगे अस्थायी घाट!
कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए साल 2020 में को-ऑर्डिनेटर संदीपन साहा ने वार्ड में विभिन्न जगहों पर छठ व्रतियों के लिए अस्थायी घाटों का निर्माण करवाया था। इससे छठ व्रतियों को गंगा नदी की ओर रूख नहीं करना पड़ा था और संक्रमण के प्रसार के खतरे पर भी लगाम लगाया जा सका था। इस बार भी कोरोना संक्रमण के मामले धीमी ही सही लेकिन बढ़ रहे हैं। ऐसे में इस बार भी वार्ड के छठ व्रतियों को पूजा करने के लिए अस्थायी घाट मिल सकता है। संदीपन साहा ने कहा कि गत वर्ष राज्य सरकार के गाइडलाइंस के अनुसार अस्थायी घाटों का निर्माण वार्ड में ही करवाया गया था, जिससे पूजा में सहूलियत के साथ ही कोविड संक्रमण के खतरे को भी कम करने में मदद मिली थी। यदि इस बार भी राज्य सरकार की ओर से निर्देशिका जारी की जाती है तो वार्ड में छठ व्रतियों के लिए अस्थायी घाटों का निर्माण किया जाएगा।