नयी दिल्ली : विपक्षी दलों के गठबंधन आईएनडीआईए की मंगलवार को दिल्ली के अशोका होटल में बैठक हुई। बैठक में आगे की रणनीति, सीटों के बंटवारे और अन्य विषयों पर चर्चा की गई। बैठक में हुई चर्चा के आधार पर बताया जा रहा है कि जनवरी के दूसरे सप्ताह में यह पार्टियां लोकसभा चुनावों के लिए सीट बंटवारे को अंतिम रूप दे सकती हैं। इसके साथ ही आज की बैठक में यह तय किया गया है कि संसद से 151 सांसदों के निलंबन पर 22 दिसंबर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा।
केन्द्र में भारतीय जनता पार्टी नीत गठबंधन (एनडीए) को चुनौती देने के लिए बने विपक्षी पार्टियों के गठबंधन की मंगलवार को आयोजित बैठक में 28 पार्टियों के नेताओं ने भाग लिया। बैठक के बाद गठबंधन की ओर से पत्रकार वार्ता भी की गई। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि विपक्षी दलों का संगठन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (आईएनडीआईए) एकजुट है। हम मिलकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को आगामी लोकसभा चुनाव में परास्त करेंगे और उनका घमंड तोड़ेंगे।
उन्होंने बताया कि बैठक में सभी 28 पार्टियों के नेताओं ने हिस्सा लिया और अपनी-अपनी बात रखी है। लोकसभा चुनाव के लिए हम सभी एकजुट हैं। सीट बंटवारे के मुद्दों को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा।
माना जा रहा है कि गठबंधन की सबसे बड़ी चुनौती राज्य स्तर पर सीटों का बंटवारा है। गठबंधन की कुछ पार्टियां कुछ राज्यों में एक दूसरे के खिलाफ खड़ी हैं। सूत्रों का कहना है कि पहले राज्यस्तर पर सीटों के बंटवारे पर विचार किया जाएगा और सहमति नहीं बनने पर राष्ट्रीय स्तर पर सीटों के बंटवारे पर विचार किया जाएगा। गठबंधन के नेताओं का मानना है कि यह काम बहुत जल्द करना होगा क्योंकि लोकसभा चुनाव नजदीक हैं।
गठबंधन ने बैठक में संसद से सांसदों के निलंबन के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया। पत्रकार वार्ता में खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार ने 151 सांसदों को निलंबित कर दिया है। वह सोचते हैं कि जो वह कर रहे हैं वही सही है लेकिन ऐसा नहीं है। सत्ता पक्ष का रवैया विपक्ष के प्रति ठीक नहीं है। आज की बैठक में सभी निलंबित सांसदों के मुद्दे पर भी चर्चा हुई है। इस मुद्दे पर हम सभी पार्टी मिलकर 22 दिसंबर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे। खड़गे ने कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए हम सभी साथ आए हैं। हमने संसद में सुरक्षा उल्लंघन का मुद्दा उठाया। इस मुद्दे पर हमें जवाब मिलना चाहिए था लेकिन विपक्षी सांसदों को सदन से बाहर कर दिया गया।
बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और आप पार्टी की ओर से मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम प्रधानमंत्री उम्मीदवार के तौर पर पेश किया गया। बनर्जी का कहना था कि एक दलित का नाम प्रधानमंत्री के तौर पर प्रस्तावित करने का गठबंधन को लाभ मिलेगा। हालांकि इसपर कोई निर्णय नहीं हुआ लेकिन उनके नाम का कोई विरोध नहीं किया गया। स्वयं खड़गे ने इस विचार करने से रोका और कहा कि पहले लोकसभा चुनाव जीतना जरूरी है। प्रधानमंत्री के नाम पर बाद में विचार किया जाएगा।
बैठक से निकलने के बाद नेताओं ने मीडिया से बातचीत करते हुए अपनी बात रखी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि बैठक में संयोजक का नाम तय नहीं हुआ। आरजेडी नेता मनोज झा ने कहा कि सीट बंटवारे और जमीनी स्तर पर संपर्क अभियान अगले 20 दिनों में शुरु हो जाएगा।
बैठक में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और वरिष्ठ नेता शामिल हुए। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, राजद नेता लालू प्रसाद यादव, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, तमिलनाडु मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे, एनसीपी नेता शरद पवार, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और अन्य नेता शामिल हुए।