कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय की न्यायाधीश अमृता सिन्हा के पति प्रताप चंद्र दे को बुलाकर परेशान करने और पत्नी का नाम एक मामले में लेने के लिए दबाव बनाने के आरोपों को सीआईडी ने खारिज कर दिया है। गुरुवार को अपने एक बयान में सीआईडी ने कहा कि प्रताप के साथ किसी भी तरह का मानसिक शोषण नहीं किया गया। जांच एजेंसी ने यह भी कहा कि उनसे पूछताछ की ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग भी है।
सीआईडी ने दावा किया कि पूछताछ के दौरान प्रताप को समय पर चाय और पानी दिया गया। जब उन्होंने चाहा तब धूम्रपान के लिए भी समय दिया जाता था।
जस्टिस सिन्हा के पति पेशे से वकील हैं। एक मामले में उन्हें राज्य खुफिया एजेंसी ने इस महीने में दो बार तलब किया था। प्रताप ने आरोप लगाया कि पूछताछ के दौरान उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया गया। कथित तौर पर सीआईडी ने उन पर अपनी जज पत्नी के खिलाफ गलत बयान लिखने का दबाव डाला। उन्हें तरह-तरह से परेशान किया गया है। ये सब बताते हुए उन्होंने कोलकाता मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट एसोसिएशन को एक पत्र लिखा है। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, राज्यपाल सीवी आनंद बोस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र भेजकर यही आरोप लगाया।
प्रताप के पत्र के बाद सीआईडी ने गुरुवार को एक बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि प्रताप को एक दिसंबर और 16 दिसंबर को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। प्रत्येक मामले में वह निर्धारित समय से काफी देर से उपस्थित हुए। देरी का कोई संदेश पहले से सीआईडी कार्यालय को नहीं दिया गया।
सीआईडी की एक टीम जांच अधिकारी प्रताप से पूछताछ कर रही थी। उनसे एक जगह बैठकर पूछताछ नहीं की गई। पर्याप्त ब्रेक उपलब्ध कराए गए हैं। सीआईडी ने कहा कि जांच अधिकारियों ने उनके साथ यथासंभव सर्वोत्तम व्यवहार किया। पूरी प्रक्रिया सीसी कैमरे में रिकार्ड है।
सीआईडी ने आगे दावा किया कि बिधाननगर दक्षिण पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत, जिसके आधार पर प्रताप से पूछताछ की जा रही है, में केवल उस मामले से संबंधित प्रश्न पूछे गए थे। अधिकारियों ने प्रताप से सीधे जुड़े होने के संदर्भ में पूछताछ की है। सीआईडी ने जांच के लिए जस्टिस सिन्हा के पति से 18 दिसंबर को अपना मोबाइल फोन सौंपने को कहा था। उन्हें 22 दिसंबर को दोबारा बुलाया गया है। सीआईडी के मुताबिक उचित सबूतों के आधार पर उनसे पूछताछ की जा रही है।
सीआईडी ने दावा किया है कि पूछताछ के दौरान उन्हें चाय बिस्किट खिलाया गया और बहुत अच्छा बर्ताव किया गया है। सारे आरोप बेबुनियाद हैं।