कोलकाता : राज्य में भ्रष्टाचार की वजह से हुई अवैध नियुक्ति के कारण नौकरी से वंचित हुए शिक्षक उम्मीदवारों से मिलकर तृणमूल नेता कुणाल घोष ने अजीबोगरीब दावा किया है। उन्होंने नियुक्ति नहीं होने के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया है।
उनका कहना है कि मुकदमा दर्ज कर भर्ती रोकी जा रही है। कुणाल घोष ने शनिवार को एसएलएसटी नौकरी उम्मीदवारों के साथ बैठक की। बैठक के बाद कुणाल पत्रकारों से मुखातिब हुए। वहां उन्होंने कहा, ””सिफारिश होने के बाद भी नौकरी नहीं दी जा रही है क्योंकि मुकदमा ऐसे व्यक्ति के नाम से दर्ज किया गया है जिसका पता नहीं चल पा रहा है। कुछ वकील मुकदमा कर भर्ती में बाधा डाल रहे हैं। जब तक कोर्ट का निलंबन नहीं हटेगा तब तक नियुक्ति संभव नहीं है लेकिन मुख्यमंत्री चाहती हैं कि सभी को नौकरी मिले।
इस मामले में कुणाल ने सीपीएम के राज्यसभा सांसद और वकील विकास भट्टाचार्य की भूमिका पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, ”नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों के पास कुछ तकनीकी काम हैं जिन्हें अगले सप्ताह के भीतर पूरा करना होगा। हमें आंदोलनकारियों से दोबारा मिलना होगा।”
संयोग से, एसएलएसटी नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों ने भर्ती के लिए तृणमूल महासचिव से संपर्क किया है। कुणाल के साथ कई बैठकें हो चुकी हैं। लेकिन तृणमूल प्रवक्ता का दावा है कि बार-बार कोर्ट में जाकर भर्ती प्रक्रिया को विफल किया जा रहा है।
कुणाल के बगल में बैठे नौकरी चाहने वालों ने अनुरोध किया कि उन पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए क्योंकि नौकरियों के लिए आंदोलन करते-करते कई लोग 45 साल की उम्र पार कर चुके हैं। उम्र के कारण अगर नौकरी मिल भी जाए तो लंबे समय तक काम करना संभव नहीं होगा।