कोलकाता : पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के नगरपालिका भर्ती घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी अब तक विभिन्न जिलों में फैली नगर पालिकाओं में दो हजार अनियमित नियुक्तियों का पता लगाया है। केंद्रीय एजेंसी के अधिकारी इन भर्तियों में शामिल लोगों द्वारा उगाही गई धनराशि की गणना करने में भी सक्षम हैं। प्रत्येक अनियमित भर्ती के पीछे पांच लाख रुपये की औसत वित्तीय भागीदारी के आधार पर ईडी के अधिकारियों ने यह संख्या लगभग 100 करोड़ रुपये बताई है। हालांकि, पूरे निष्कर्षों से अवगत सूत्रों के अनुसार, इस घोटाले की राशि स्कूल नौकरी मामले, राशन वितरण घोटाले और पश्चिम बंगाल में कोयला तस्करी मामले से बहुत कम है।
ईडी के निष्कर्षों के अनुसार, नगर पालिकाओं की भर्ती में अनियमितताएं मुख्य रूप से ड्राइवर, क्लर्क, निचले ग्रेड के कंप्यूटर ऑपरेटर और बेस-वर्कर जैसी नौकरियों के लिए थीं। 14 नियुक्तियों में सबसे ज्यादा अनियमितताएं उत्तर 24 परगना जिले में पकड़ी गईं।
ईडी के निष्कर्षों के अनुसार घोटाले की रकम मुख्य रूप से कुछ जिलों में रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश की गई थी। ईडी के अधिकारियों को कुछ विशेष जानकारी भी मिली है कि अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और पार्षदों जैसे कुछ दिग्गजों के अलावा, राज्य नगरपालिका मामलों और शहरी विकास विभाग से जुड़े वर्तमान और पूर्व नौकरशाहों का एक वर्ग शामिल था।