कोलकाता : पश्चिम बंगाल की गृह सचिव के तौर पर 1994 बैच की आईपीएस अधिकारी नंदिनी चक्रवर्ती को नियुक्त किया गया है। राज्य में उनकी सर्विस को लेकर काफी विवाद रहे हैं और अब दावा किया जा रहा है कि कम से कम 30 से अधिक वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को दरकिनार कर उन्हें नियुक्त किया गया है। अब इसके खिलाफ बंगाल भाजपा के वरिष्ठ विधायक और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने हाई कोर्ट का रुख करने का मन बनाया है।
मंगलवार को उन्होंने कहा है कि नंदिनी चक्रवर्ती की नियुक्ति अवैध है और इसके खिलाफ कोर्ट में याचिका लगाई जाएगी। वर्ष 2023 के अंतिम दिन विज्ञप्ति जारी कर राज्य सरकार ने नंदिनी चक्रवर्ती को राज्य का मुख्य सचिव नियुक्त किया। इसके अलावा निवर्तमान मुख्य सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी को सेवानिवृत होने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री का वित्तीय सलाहकार नियुक्त किया गया है। उन्हें राजकोष से वेतन मिलेगा जिसे लेकर शुभेंदु ने सवाल खड़ा किया है। सोमवार से नंदिनी चक्रवर्ती ने भी अपना पदभार संभाल लिया है।
शुभेंदु ने कहा है कि एक सूत्र ने बताया है कि नंदिनी की नियुक्ति अवैध तरीके से हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य प्रशासन में फिलहाल 13 अतिरिक्त मुख्य सचिव रैंक के आईएएस अधिकारी हैं जबकि पांच प्रधान सचिव रैंक के अधिकारी हैं। नियमानुसार पहले इन्हें गृह सचिव की जिम्मेवारी दी जानी चाहिए थी लेकिन सभी को दरकिनार किया गया है। यह मौजूदा नियमों के खिलाफ है।
शुभेंदु ने कहा कि केवल गृह सचिव ही नहीं राज्य के कई महत्वपूर्ण पदों पर वरिष्ठ अधिकारियों को दरकिनार कर मुख्यमंत्री के पसंदीदा लोगों को नियुक्त किया गया है। इसी तरह के कदम में राजीव कुमार को सूचना और संस्कृति विभाग का सचिव बना दिया गया था जबकि वह आईपीएस अधिकारी हैं। राज्य सरकार की इस नई नियुक्ति के खिलाफ भी हाईकोर्ट का रुख करेंगे।