कोलकाता : पश्चिम बंगाल में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर तृणमूल कांग्रेस समर्थकों के हमले के बाद सियासी पारा चढ़ गया है। विपक्ष ने जहां राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है वहीं राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने संकेत दिया है कि सभी संवैधानिक विकल्पों पर विचार कर उचित कार्रवाई करेंगे। भाजपा ने संदेशखीली में हुई घटना को संघीय ढांचे पर सीधा हमला बताया है जबकि कांग्रेस ने राज्य में तत्काल राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की।
हालांकि, सत्तारूढ़ तृणमूल ने आरोपों को खारिज करते हुए आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने स्थानीय लोगों को उकसाया।
दिल्ली रिपोर्ट भेज रही है ईडी
यह घटना तब हुई जब ईडी अधिकारियों ने तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां के आवास पर छापेमारी की तब तृणमूल कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया। हमले में ईडी के एक अधिकारी का सिर फट गया है जबकि दो अन्य अस्पताल में भर्ती हैं। ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट दिल्ली स्थित मुख्यालय में भेजी जा रही है।
राज्यपाल ने क्या कहा
राज्यपाल बोस ने भी इस प्रकरण की तीखी आलोचना की। उन्होंने हमले को रोकने में असमर्थता के लिए राज्य सरकार की आलोचना की। बोस ने राजभवन से जारी ऑडियो संदेश में कहा, ‘संदेशखाली में हुई भयावह घटना चिंताजनक और निंदनीय है। लोकतंत्र में बर्बरता और गुंडागर्दी को रोकना एक सभ्य सरकार का कर्तव्य है। एक राज्यपाल के रूप में मैं उचित तरीके से उचित कार्रवाई के लिए अपने सभी संवैधानिक विकल्पों का पता लगाऊंगा।’
उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल कोई बनाना रिपब्लिक नहीं है और सरकार को लोकतंत्र में बर्बरता और गुंडागर्दी की घटनाएं रोकनी चाहिए। बोस ने बयान में कहा, बेहतर होगा कि सरकार आंखें खोले और वास्तविकता को देखे और प्रभावी ढंग से कार्य करे या परिणाम भुगते। आसपास की अराजकता न देखने का दिखावा करने वाली पुलिस को शुतुरमुर्ग का रवैया खत्म करना चाहिए।’
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने क्या कहा
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री निशिथ प्रमाणिक ने केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने में संबंधित राज्य सरकारों की विफलता को रेखांकित करते हुए कहा कि ‘केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों पर हमला राज्य के संघीय ढांचे पर हमला है।’
उन्होंने कहा कि केंद्र इस घटना को गंभीरता से ले रहा है और जांच करने को प्रतिबद्ध है कि पश्चिम बंगाल में लगातार ऐसी घटनाएं क्यों हो रही हैं।
भाजपा ने की राष्ट्रपति शासन की मांग
भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर तत्काल राष्ट्रीय जांच अभिकरण (एनआईए) से मामले की जांच कराने और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’पर पोस्ट किया, ‘संदेशखाली में ईडी अधिकारियों पर हुए जघन्य हमले के बाद पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई है और इसकी वजह तृणमूल कांग्रेस है। मैंने गृहमंत्री अमित शाह को बंगाल के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मामले की एनआईए जांच शुरू करने के लिए लिखा है।’ मजूमदार ने जांच प्रक्रिया की शुचिता बरकरार रखने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती का भी अनुरोध किया है।
अधीर चौधरी ने उठाए सवाल
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘तृणमूल कांग्रेस के शासन में पश्चिम बंगाल में कानून और व्यवस्था का अस्तित्व समाप्त हो गया है। हमारी मांग है कि पश्चिम बंगाल में तुरंत राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।’
तृणमूल कांग्रेस ने लगाया उकसाने का आरोप
विपक्षी दलों के आरोप का जवाब देते हुए तृणमूल कांग्रेस की मंत्री शशि पांजा ने आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने स्थानीय लोगों को उकसाया जिसकी वजह से यह स्थिति उत्पन्न हुई। उन्होंने कहा, ‘केंद्रीय मंत्री निशिथ प्रमाणिक ने संघीय ढांचे पर हमले की बात कही। जबकि राज्य का बकाया रोकना सही मायने में संघीय ढांचे पर हमला है।’
तृणमूल कांग्रेस प्रवक्ता कुणाल घोष ने कांग्रेस और भाजपा की आलोचना करते हुए दावा किया कि पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था कई अन्य राज्यों से कहीं बेहतर है। उन्होंने कहा, ‘राज्यपाल पूरे प्रकरण पर निष्पक्ष तरीके से विचार करने के बजाय सीधे नतीजे निकाल रहे हैं। उन्हें भाजपा नेता की तरह काम नहीं करना चाहिए।’
उल्लेखनीय है कि छापेमारी प्रकरण को कवर करने गए समाचार चैनल कर्मियों को भी भीड़ ने निशाना बनाया और उनके वाहनों में भी तोड़फोड़ की।