कोलकाता : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस को कलकत्ता विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम के दौरान तृणमूल छात्र परिषद (टीएमसीपी) और वामपंथी छात्र संगठन एआईडीएसओ से जुड़े छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ा। बुधवार को जैसे ही राज्यपाल की कार यूनिवर्सिटी के गेट पर पहुंची, हाथों में झंडा लिए छात्रों ने उसे रोक लिया और विरोध प्रदर्शन करने लगे। राज्यपाल को काला झंडा दिखाया गया और ”वापस जाओ” के नारे लगाए गए। हालांकि वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने काफिला परिसर के अंदर पहुंचने से पहले ही प्रदर्शनकारियों को रोक दिया।
टीएमसीपी के एक प्रवक्ता ने कहा कि हम विश्वविद्यालय में स्थाई कुलपति नहीं होने के कारण कलकत्ता विश्वविद्यालय में चरमरा रहे मूलभूत ढांचे के लिए राज्यपाल को जिम्मेदार ठहराते हैं और स्थाई कुलपति की तत्काल नियुक्ति की मांग करते हैं।
वामपंथी एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) की छात्र शाखा एआईडीएसओ ने भी टीएमसीपी के समान ही मांग की। साथ ही उसने नयी शिक्षा नीति 2020 को रद्द करने की भी मांग की।
दरअसल, 24 जनवरी को कलकत्ता विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस था। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं राज्यपाल सीवी आनंद बोस को आमंत्रित किया गया था। लेकिन इस दिन उनके कैंपस में घुसते ही छात्रों के एक समूह को घेर लिया और विरोध प्रदर्शन किया व ”वापस जाओ” के नारे भी लगाए गए। कुछ देर गेट पर फंसे रहने के बाद राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के अंदर प्रवेश किया। खबर लिखने तक यह स्पष्ट नहीं था कि आखिर प्रदर्शनकारी छात्रों की मांगे क्या थीं। विरोध प्रदर्शन के बारे में बोस ने मीडिया से कोई बातचीत नहीं की।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में राज्यपाल को जादवपुर समेत राज्य के कई विश्वविद्यालयों में छात्रों के खुले विरोध का सामना करना पड़ा था।