कलकत्ता (अब कोलकाता) के जवाहरलाल नेहरू रोड स्थित भारतीय संग्रहालय दुनिया के सबसे पुराने संग्रहालयों में से एक है। इसकी स्थापना 02 फरवरी 1814 को हुई थी। यहां दुनियाभर की दुर्लभ कलाकृतियों और सहेजकर रखने लायक वस्तुओं का विशाल संग्रह है। यह संग्रहालय छह खंडों में बना है- आर्कियोलॉजी, एंथ्रोपोलॉजी, जियोलॉजी, जूलॉजी, इंडस्ट्री और आर्ट। एंथ्रोपोलॉजी विभाग में मोहनजोदड़ो और हड़प्पा काल की निशानियां रखी हैं।
यहां चार हजार साल पुरानी मिस्र की ममी भी रखी है। जियोलॉजी सेक्शन में इस इलाके में पाए जाने वाले खनिज, जीवाश्म और चट्टानें प्रदर्शित की गई हैं। जूलॉजी सेक्शन में मछलियां, सरीसृप और मैमथ के कंकाल हैं। सबसे बड़ा आकर्षण डायनासोर का वास्तविक कंकाल है।
आर्ट गैलरी में भारतीय-पारसी स्टाइल की चित्रकारी और तिब्बती मंदिरों के सिल्क बैनर देखे जा सकते हैं। यह संग्रहालय इतना विशाल है कि इसे पूरा घूमने में तीन दिन का वक्त लग सकता है।