जनगणना एक ऐसा देशव्यापी अभियान है जिसमें देश के हर एक हिस्से का हर व्यक्ति शामिल होता है। स्वतंत्र भारत में 9 फरवरी 1951 बेहद महत्वपूर्ण तारीख है, जब पहली बार जनगणना के लिए सूची बनाने का काम शुरू हुआ।
1951 में हुई यह जनगणना भारत की नौवीं जनगणना थी लेकिन देश की आजादी के बाद पहली थी। देश के बंटवारे के कारण न केवल जनगणना में अप्रत्याशित बदलाव आए बल्कि देश का भूगोल भी बदल गया। 1951 में भारत की जनसंख्या लगभग 36 करोड़ थी। 2022 में भारत की जनसंख्या बढ़ कर 135 करोड़ से अधिक हो गई।
2011 तक भारत की 15 बार जनगणना हो चुकी है। पहली बार 1872 में ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड मेयो के अधीन जनगणना कराई गई थी जिसके बाद हर 10 वर्ष में यह बार होती है। भारत की पहली संपूर्ण जनगणना 1881 में हुई। 1949 के बाद से यह भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन भारत के महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त द्वारा कराई जाती है।