कोलकाता : दो कंपनियों में ”फर्जी” निदेशकों की नियुक्ति को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट में गुरुवार की देर रात तक सुनवाई होती रही। न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने दोपहर की सुनवाई में ही साफ कर दिया था कि आवश्यकता पड़ी तो वह वे रात भर बैठे रहेंगे और उसी के मुताबिक देर रात तक मामले की सुनवाई हुई और आखिरकार कंपनी के पांच निदेशक घर लौट सके।
यह मामला गुरुवार की सुबह न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की अदालत में आया। हाई कोर्ट के आदेश पर विशेष धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) के अधिकारियों को उसी दिन पांचों व्यक्तियों से पूछताछ करने का निर्देश दिया गया। जस्टिस गांगुली ने कहा था कि मुझे लगता है कि ये पाँचों लोग मोहरा हैं। इनके पीछे कोई बड़ा चेहरा है जो सारा खेल खेल रहा है। इनसे आज ही पूछताछ करिए। इन्हें गिरफ्तार नहीं करना है, ना ही अपमानित करना है। आवश्यकता पड़ने पर वे रात भर बैठे रहेंगे, आज ही मामले का निपटाना होगा।
उन्होंने तुरंत पांचों निदेशकों को शेरिफ को सौंपने का आदेश दिया था और उसी के मुताबिक उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू हुई। पूछताछ के अंत में, अदालत रात दस बजे तक बैठी रही। कोर्ट के आदेश पर पांचों निदेशक रात में घर लौट आये। मामला दो जूट मिलों से जुड़ा हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि निदेशकों की नियुक्ति सुनील झुनझुनवाला नामक व्यक्ति के निर्देश पर की गयी थी, वे डेल्टा जूट मिल के मालिक हैं। इस मामले में कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।