कोलकाता : संदेशखाली कांड को लेकर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने राष्ट्रीय महिला आयोग को पत्र लिखकर यह शिकायत की है कि इस मामले में पुलिस ने कानून को ताक पर रखकर पीड़िता का नाम उजागर किया है। सोमवार को राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा को लिखे पत्र में सुकांत मजूमदार ने उल्लेख किया है कि राज्य पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना की है और संदेशखाली की पीड़िता के नाम को सार्वजनिक कर दिया है।
जब संदेशखाली में पीड़िता को मजिस्ट्रेट के कार्यालय में लाया गया, तो राज्य पुलिस ने उसका बयान दर्ज करने के लिए एक वीडियो बनाया। बाद में उस वीडियो को कोलकाता पुलिस के एक्स हैंडल पर भी पोस्ट किया गया। सुकांत का दावा है कि वीडियो में पीड़िता का नाम बताया गया है और उसका चेहरा दिखाया गया है। सुकांत मजूमदार ने आगे आरोप लगाया कि वीडियो में साफ दिख रहा है कि महिला को राज्य पुलिस की मदद से मजिस्ट्रेट के कार्यालय में आने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
राज्य भाजपा अध्यक्ष का पत्र सामने आने के तुरंत बाद, विवादास्पद वीडियो पोस्ट अब कोलकाता पुलिस के एक्स हैंडल पर दिखाई नहीं दे रहा था।
उल्लेखनीय है कि संदेशखाली मामले में शिबप्रसाद हाजरा उर्फ शिबू हाजरा को राज्य पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। महिला की शिकायत के आधार पर शिबू हाजरा के खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 164 जोड़ी गयी। सुकांत मजूमदार ने पत्र में कहा है कि कोलकाता पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना की है। राज्य पुलिस के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से केवल समय बर्बाद होगा। इसलिए उन्होंने डीजी राजीव कुमार और इस घटना में शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।