कोलकाता : प्रसन्न रॉय को एसएससी भर्ती भ्रष्टाचार मामले में ईडी ने सोमवार की रात गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में ईडी की यह पहली गिरफ्तारी है। प्रसन्ना को पहले एसएससी भर्ती भ्रष्टाचार में उसकी कथित संलिप्तता के लिए सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। वह फिलहाल जमानत पर बाहर था।
ईडी के सूत्रों के मुताबिक, जनवरी में प्रसन्ना के फ्लैट और ऑफिस समेत कुल सात जगहों की तलाशी में कई दस्तावेज बरामद हुए थे। उन दस्तावेज के आधार पर, उसे सीजीओ कॉम्प्लेक्स में बुलाया गया था। लेकिन उस वक्त उसने कहा कि वह नहीं जा सकते। ईडी ने उसे सोमवार को दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया था। उससे दिनभर पूछताछ हुई। ईडी अधिकारियों ने बताया है कि वह जांच अधिकारियों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा था, जिसके बाद देर रात उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
ईडी और सीबीआई के सूत्रों के मुताबिक, प्रसन्ना के नाम कम से कम 80 कंपनियां हैं। इसके अलावा उसकी पत्नी और उसके पास अकूत संपत्ति है। उसके पास बिधाननगर, न्यूटाउन और शहर के अन्य हिस्सों में कई संपत्ति है। ईडी अधिकारियों का कहना है कि भ्रष्टाचार से हासिल हुई राशि के जरिए ही उसने बड़ी संपत्ति खड़ी की है।
एसएससी भर्ती भ्रष्टाचार मामले में प्रसन्ना पर आरोप था कि वह सलाहकार समिति के पूर्व प्रमुख शांतिप्रसाद सिन्हा का करीबी था। वह राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के भी संपर्क में था। उसके घर की तलाशी के दौरान अधिकारियों को भाजपा नेता और सांसद दिलीप घोष के घर के दस्तावेज की एक फोटोकॉपी भी मिली थी। भर्ती भ्रष्टाचार से जुड़े दो मामलों की जांच के दौरान सीबीआई को प्रसन्ना का नाम मिला। बाद में प्रसन्ना को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि चार्जशीट में उसका नाम केंद्रीय एजेंसी ने नहीं दिया था। आरोप पत्र जारी होने के बाद एक निश्चित अवधि के भीतर कोई कार्रवाई नहीं होने पर प्रसन्ना ने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने उसे कई शर्तों के साथ सीबीआई मामले में जमानत दे दी थी।