कोलकाता : आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय निर्वाचन आयोग पश्चिम बंगाल के तनावग्रस्त संदेशखाली के घटनाक्रम पर करीबी नजर रख रहा है। पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय ने वहां के घटनाक्रम पर नई दिल्ली में आयोग के मुख्यालय को दैनिक रिपोर्ट भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
सूत्रों ने कहा कि सीईओ कार्यालय को संदेशखाली से संबंधित हर मिनट के घटनाक्रम को दैनिक रिपोर्ट में शामिल करने के लिए कहा गया है। इसमें विभिन्न राष्ट्रीय आयोगों की टिप्पणियां, राजनीतिक नेताओं द्वारा की गई टिप्पणियां, सामान्य और पुलिस प्रशासन के पदाधिकारियों के बयान, समाचार रिपोर्टों के अलावा अशांत क्षेत्रों में दैनिक जमीनी घटनाक्रम शामिल हैं। पता चला है कि 28 फरवरी को सीईओ कार्यालय के शीर्ष अधिकारी दो जिलों, उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। बैठक में जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक भी शामिल होंगे, जहां संदेशखाली की घटनाओं पर विशेष रूप से चर्चा की उम्मीद है।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि मार्च के पहले सप्ताह में चुनाव आयोग की पूर्ण पीठ की पश्चिम बंगाल की निर्धारित यात्रा के मद्देनजर ये घटनाक्रम बेहद महत्वपूर्ण हैं।
सूत्रों ने कहा कि कलकत्ता उच्च न्यायालय और राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस द्वारा तटस्थता के संबंध में प्रतिकूल टिप्पणियों के बाद राज्य पुलिस प्रशासन के एक वर्ग की भूमिका आयोग की जांच के दायरे में आ गई है। फरार तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां के सहयोगियों द्वारा कथित यौन उत्पीड़न को लेकर स्थानीय महिलाओं के विरोध-प्रदर्शन के बाद संदेशखाली कुछ समय से हिंसा की चपेट में है। शेख शाहजहां पांच जनवरी को इलाके में ईडी और सीएपीएफ अधिकारियों पर हमले का आरोपित मास्टरमाइंड भी है।