पंचतत्व में विलीन हुए पंकज उधास, राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

मुंबई : पंकज उधास के पार्थिव शरीर का मंगलवार को मुंबई के वर्ली हिंदू श्मशान में अंतिम संस्कार किया गया। इससे पहले कुछ देर पहले उनके पार्थिव शरीर को उनके आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। अंतिम संस्कार से पहले मुंबई पुलिस ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया।

पंकज उधास को अंतिम विदाई देते समय उनके परिवार के सदस्यों की आंखों से आंसू छलक पड़े। मनोरंजन उद्योग के लोगों के साथ-साथ कई प्रशंसक भी नम आंखों से हर कोई उन्हें विदाई देने के लिए पहुंचा। कलाकारों समेत संगीत क्षेत्र के कई गणमान्य लोगों ने पंकज उधास को अंतिम श्रद्धांजलि दी।

मशहूर गजल गायक पंकज उधास का कल (26 फरवरी) निधन हो गया। उन्होंने 72 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। पिछले कुछ दिनों से उनका मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में इलाज चल रहा था। पंकज उधास के परिवार में पत्नी फरीदा और बेटियां नायब और रेवा हैं।

पंकज उधास ने अपनी आवाज से फैंस के दिलों में खास जगह बनाई। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1980 में रिलीज हुए ‘आहट’ नाम के एल्बम से की थी। इसके बाद मुकरार, तरन्नम, महफिल, और आहिस्ता कैन बैन, ना कजारे की धार, चांदी जैसा रंग है तेरा, मत कर इतना गुरुर, आज फिर तुम पर प्यार आया है…, उनके गाने बहुत लोकप्रिय हुए।

पंकज उधास ने कई हिंदी फिल्मों के लिए पार्श्वगायन भी किया। पंकज उधास को असली पहचान ‘चिट्ठी आई है’ गाने से मिली। वह पूरी दुनिया में गजल सम्राट के नाम से जाने जाते थे। संगीत के क्षेत्र में योगदान के लिए पंकज उधास को 2006 में ‘पद्मश्री’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

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