कोलकाता : ईडी और सीएपीएफ अधिकारियों पर हमले के मास्टरमाइंड तृणमूल नेता शेख शाहजहां की गिरफ्तारी के बाद राज्य में राजनीतिक घमासान मचा है। सत्तारूढ़ तृणमूल ने शाहजहां की गिरफ्तारी का पूरा श्रेय पुलिस को दिया है और इस बात को भी दोहराया कि यह गिरफ्तारी कलकत्ता हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस टी.एस. शिवगणनम द्वारा गिरफ्तारी की राह में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने के बाद संभव हो पाई।
शाहजहां की गिरफ्तारी के कुछ घंटे बाद तृणमूल कांग्रेस प्रवक्ता कुणाल घोष ने दावा किया कि पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी के प्रयास से कोर्ट ने सभी कानूनी बाधाओं को दूर कर दिया, इससे पुलिस शाहजहां को गिरफ्तार कर पाई। उन्होंने मांग की कि सीबीआई को अब पश्चिम बंगाल में विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी की दिशा में भी कदम उठाना चाहिए। शुभेंदु अधिकारी के नारदा वीडियो मामले में और मिथुन चक्रवर्ती की चिट-फंड इकाई अल्केमिस्ट ग्रुप मामले में गिरफ्तारी होनी चाहिए।
घोष ने कहा कि मुझे विश्वास है कि अब महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण के आरोपित बृजभूषण शरण सिंह की भी गिरफ्तारी होगी। इसके अलावा ईडी को अब लोन वापस नहीं करने वालों के खिलाफ भी शिकंजा कसना चाहिए।
वहीं, संदेशखाली से माकपा के पूर्व विधायक निरापद सरदार ने कहा कि इस गिरफ्तारी के मामले में तृणमूल कांग्रेस पुलिस का महिमामंडन कर रही है, लेकिन सच्चाई यह है कि यह गिरफ्तारी कलकत्ता उच्च न्यायालय की कड़ी टिप्पणी के बाद हुई है। वह शुरू से कह रहे हैं कि शाहजहां संदेशखाली में है। सरदार ने कहा, “मैं पहले दिन से कह रहा हूं कि शाहजहां संदेशखाली में है। उसे कई स्थानीय लोगों ने देखा भी है लेकिन पुलिस ने नहीं देखा। मैं यह भी कहता रहा कि जब तक तृणमूल की ओर से हरी झंडी नहीं दी जाएगी, तब तक उसकी गिरफ्तारी नहीं होगी। अब जब सत्तारूढ़ दल को लगा कि उसकी गिरफ्तारी करनी चाहिए, तो ऐसा हुआ।
सरदार के आरोपों को दोहराते हुए भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और लोकसभा सदस्य दिलीप घोष ने कहा कि शाहजहां के ठिकानों से पुलिस अवगत थी और उसे शरण दे रखी थी, अब पुलिस के पास उसे गिरफ्तार करने के अलावा दूसरा विकल्प नहीं था।