कोलकाता : लोकसभा चुनाव सामने आते ही तृणमूल कांग्रेस में इस्तीफे का दौर एक बार फिर शुरू हो गया है। सोमवार को दिग्गज तृणमूल नेता तापस राय ने तृणमूल कांग्रेस से अपना 23 साल पुराना रिश्ता तोड़ लिया। उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। तापस राय के तृणमूल कांग्रेस छोड़ने पर मेदिनीपुर के सांसद और भाजपा नेता दिलीप घोष ने कहा कि तापस दा ने शुरुआत कर दी है। अन्य कई तृणमूल के नेता भी तापस दा की राह पर चलेंगे।
इससे पहले तापस राय ने सांसद सुदीप बनर्जी के खिलाफ अपना मुंह खोला था। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर कोलकाता के सांसद भाजपा के करीबी हैं। इन सबके बीच 52 दिन पहले ईडी ने तापस राय के घर पर छापेमारी की थी। तापस ने कहा कि यह पार्टी सांसद सुदीप के इशारे पर हुआ।
तापस ने आरोप लगाया कि 52 दिन बाद भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनके बारे में मुंह नहीं खोला। लेकिन, मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा कि ईडी ने संदेशखाली के शेख शाहजहां को ”निशाना” बनाया है। तापस का दावा है कि इसी वजह से वह दुखी हुए और पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया।
सोमवार दोपहर तापस राय के तृणमूल से इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए दिलीप घोष ने कहा कि बराहनगर के पूर्व विधायक के साथ उनके अच्छे संबंध हैं। दिलीप ने कहा कि तापस दा जैसे उस पीढ़ी के राजनेता पार्टी में नहीं रह पा रहे हैं। तृणमूल में नैतिकता खत्म हो रहे हैं, इसलिए उनका पार्टी में टिके रहना मुश्किल है।
जब दिलीप घोष से पूछा गया कि क्या तापस भाजपा में शामिल होंगे, इस पर दिलीप घोष ने जवाब दिया, ”कई लोग आ रहे हैं। आना या न आना उसका फैसला है। लेकिन भाजपा सम्मान के साथ काम करने का मौका मिलेगा, मैं इतना कह सकता हूं।”