देश के नौवें प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने 6 मार्च 1991 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के इब्राहिमपट्टी गांव के किसान परिवार में जन्मे चंद्रशेखर ने 10 नवंबर, 1990 से 21 जून, 1991 तक प्रधानमंत्री का पद संभाला।
दरअसल, 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए चुनाव में कांग्रेस ने राजीव गांधी के नेतृत्व में भारी बहुमत के साथ 400 से अधिक सीटें जीतीं। हालांकि बोफोर्स के शोर में 1989 के चुनाव में बाजी पलट गई। इस चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी होते हुए भी बहुमत से दूर रह गई। जनता दल के विश्वनाथ प्रताप सिंह प्रधानमंत्री बने। उन्हें भाजपा और वाम दलों का समर्थन था। एक साल बाद रामजन्मभूमि मुद्दे पर रथयात्रा निकाल रहे लालकृष्ण आडवाणी को बिहार में जनता दल के मुख्यमंत्री लालू यादव ने गिरफ्तार करवा दिया। इसके बाद भाजपा ने वीपी सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया। अल्पमत में आई वीपी सिंह सरकार गिर गई।
इस घटनाक्रम के बाद चंद्रशेखर 64 सांसदों के साथ जनता दल से अलग होकर समाजवादी जनता पार्टी बनाई। साथ ही कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई। लेकिन ये सरकार ज्यादा दिन नहीं चली। कांग्रेस ने चंद्रशेखर सरकार से समर्थन वापस ले लिया। कांग्रेस का आरोप था कि राजीव गांधी की जासूसी करवा रही है। चंद्रशेखर को 6 मार्च 1991 को इस्तीफा देना पड़ा।